क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4-5 अक्टूबर को बिहार में चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे?

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क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4-5 अक्टूबर को बिहार में चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे?

सारांश

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का आगामी बिहार दौरा महत्वपूर्ण चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए है। यह दौरा चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद हो रहा है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों की स्थिति स्पष्ट होगी। जानें इस दौरे की खासियतें और आगामी चुनावों का महत्व।

Key Takeaways

  • ज्ञानेश कुमार का बिहार दौरा चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए है।
  • दौरा 30 सितंबर को मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद होगा।
  • बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
  • चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया को पारदर्शी बताया।
  • चुनाव तीन से चार चरणों में होने की संभावना है।

नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

यह उच्च स्तरीय दौरा राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) आधारित अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के कुछ ही दिनों बाद होगा, जिसे 30 सितंबर को जारी किया जाना है।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में चुनाव होने हैं।

अधिकारियों के अनुसार, चुनाव आयोग (ईसी) की टीम आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगी।

यह प्रथा है कि चुनाव अधिकारी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले जमीनी तैयारी का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा करते हैं।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनाव आयोग की टीम बिहार दौरे के बाद दिल्ली लौटेगी तो कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनावों की औपचारिक घोषणा हो सकती है।

बिहार में विपक्षी दलों ने एसआईआर की तीखी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इसका उद्देश्य चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

उल्लेखनीय है कि पिछले रुझानों के आधार पर चुनाव आयोग की ओर से तीन से चार चरणों में चुनाव कराने की उम्मीद है।

आगामी त्यौहारी सीजन के कारण चुनौती और भी बढ़ गई है क्योंकि उसी दौरान दिवाली और छठ भी हैं। मतदाताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए चुनाव आयोग सतर्क नजर आ रहा है।

आपको बता दें, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में मतदान हुआ था। जिसके परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए गए थे।

2015 में चुनाव 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पांच चरणों में हुए थे। 2010 में चुनाव छह चरणों में हुए थे। वहीं फरवरी 2005 में बिहार में तीन चरणीय चुनाव हुए, जिसके बाद अक्टूबर 2005 में भी तीन चरणीय चुनाव हुए थे।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि चुनाव आयोग का यह दौरा लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि इस दौरे से सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिलेगा।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार दौरा कब है?
मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार दौरा 4 और 5 अक्टूबर को होगा।
बिहार विधानसभा की वर्तमान कार्यकाल कब समाप्त हो रहा है?
बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
क्या चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्ष की आलोचना को स्वीकार किया है?
नहीं, चुनाव आयोग ने विपक्ष की आलोचना को खारिज किया है और कहा है कि इसका उद्देश्य चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
बिहार चुनाव कितने चरणों में होने की संभावना है?
पिछले रुझानों के आधार पर, चुनाव आयोग की ओर से तीन से चार चरणों में चुनाव कराने की उम्मीद है।
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव कब हुए थे?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में हुए थे।