क्या राम के विरोधियों को महाराष्ट्र और मुंबई की जनता पराजित करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम का संजय राउत को जवाब
- बीएमसी चुनाव में मराठी वोटरों की भूमिका
- राम मंदिर का विकास और पीएम मोदी की भूमिका
मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने 'जय श्रीराम' के नारे पर शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत को दृढ़ जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप (संजय राउत) जिहादियों को खुश करने के लिए 'रामद्रोह' कर रहे हैं। ऐसे रामद्रोहियों को महाराष्ट्र और मुंबई की मराठीभाषी समाज पूरी तरह पराजित करेगी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में संजय निरुपम ने कहा, "संजय राउत कहते हैं कि महाराष्ट्र में 'जय श्रीराम' का नारा नहीं लगेगा, केवल 'जय महाराष्ट्र' का नारा लगेगा। हमें 'जय महाराष्ट्र' के नारे से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ध्यान रहे कि महाराष्ट्र के आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज हैं, जिन्होंने पूरे देश में हिंदू स्वराज की स्थापना की थी। वह कभी भी 'श्री राम' के खिलाफ नहीं गए। यदि आपके (विपक्ष) विचारों में उनका विश्वास है, तो राम का विरोध करना बंद करें।
शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि बीएमसी चुनाव के बाद महायुति का ही मेयर चुना जाएगा। उन्होंने कहा, "मुंबई, महाराष्ट्र के मराठी बोलने वाले वोटर ही तय करेंगे कि मेयर कौन होगा। मेयर मराठी बोलने वाला और हिंदू होगा। जो लोग जिहादियों के दबाव में आकर बुर्का या टोपी पहनने वाले व्यक्ति को मेयर बनाने का सपना देख रहे हैं, उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा।"
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर संजय निरुपम ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। अयोध्या में राम मंदिर न जाने वाले विपक्षी नेताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें भगवान राम में कोई आस्था या विश्वास नहीं है। वास्तव में, वे भगवान राम के विरोधी हैं, इसीलिए वे राम मंदिर क्या, किसी भी मंदिर में नहीं जाते हैं।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग बुनियादी तौर पर हिंदू भावनाओं, हिंदू संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं।
निरुपम ने कहा, "समाजवादी पार्टी और हिंदू विरोधी कांग्रेस से उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वे अयोध्या में राम मंदिर जाकर रामलला के दरबार में मत्था टेकने की जहमत उठाएंगे। ये लोग केवल मस्जिद और मदरसे जा सकते हैं, क्योंकि यह उनके राजनीतिक चरित्र का हिस्सा है।"
शिवसेना नेता ने कहा कि पीएम मोदी राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे हैं, जिसके तहत आज राम जन्मभूमि का विकास हुआ है। जब मंदिर स्थापित किया गया तो यह केवल पीएम मोदी का सपना या महत्वाकांक्षा नहीं थी, बल्कि यह करोड़ों हिंदुओं की भावना और महत्वाकांक्षा थी। इसे पीएम मोदी ने विशेष रूप से अपनी रुचि लेकर आकार दिया।