क्या चुनाव नजदीक आने पर ममता बनर्जी मंदिरों का दिखावा कर रही हैं?

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क्या चुनाव नजदीक आने पर ममता बनर्जी मंदिरों का दिखावा कर रही हैं?

सारांश

क्या ममता बनर्जी चुनावों के नजदीक आकर मंदिरों का दिखावा कर रही हैं? जानें इस विवाद पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल के तीखे बयान। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी है उनकी चिंता।

Key Takeaways

  • ममता बनर्जी पर चुनावी राजनीति में मंदिरों का दिखावा करने का आरोप।
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की गंभीर स्थिति।
  • धार्मिक सहिष्णुता पर जोर देने की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, ममता बनर्जी को मंदिरों की याद आ रही है और वे केवल दिखावे के लिए मंदिरों का सहारा ले रही हैं।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए कहा, "ममता बनर्जी की असली हमदर्दी किसके साथ है, यह किसी से छिपा नहीं है। 6 दिसंबर को वे बाबरी मस्जिद के लिए आंसू बहा रही थीं, लेकिन 7 दिसंबर को उन्होंने कोलकाता में गीता पाठ में शामिल होने से मना कर दिया, जिसमें करीब पांच लाख हिंदू शामिल हुए थे।" उन्होंने यह भी कहा कि रामनवमी, हनुमान जयंती या दुर्गा पूजा, हर त्योहार के लिए बंगाल में हिंदू समाज को उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है।

वे आगे कहते हैं, "यह वही मुख्यमंत्री हैं, जो जमातियों और उनके त्योहारों को प्राथमिकता देती हैं, लेकिन माता काली या दुर्गा पूजा के सबसे बड़े महोत्सव को दूसरी प्राथमिकता पर रखती हैं। जब हिंदू मंदिरों और घरों पर हमले होते हैं, या जब बांग्लादेश में अत्याचार होते हैं और बंगाली संस्कृति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तब वह चुप रहती हैं। यह पाखंड अधिक समय तक नहीं चल सकता और इसे जनता के सामने लाना आवश्यक है।"

बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम पर विनोद बंसल ने कहा, "आखिर यह जिहादी सोच कितनी जिंदगियाँ लेगी? क्या मारे गए लोग बांग्लादेश के नागरिक नहीं हैं? मैं सरकार से पूछता हूँ कि बांग्लादेशी नागरिकों को सिर्फ इसलिए निशाना क्यों बनाया जा रहा है कि वे हिंदू हैं।"

वीएचपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह आघात केवल हिंदुओं के मानवाधिकार पर नहीं, बल्कि विश्व की सभ्यता पर भी है। बांग्लादेश में हो रही घटनाएँ अत्यंत गंभीर हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोगों और संगठनों को इसमें दखल देना चाहिए क्योंकि यह सीधे सभ्यता पर हमला है।

उन्होंने सवाल उठाया कि इस्लाम को शांति का धर्म बताने वाले लोग क्यों चुप हैं। ये लोग क्यों अपने समाज को नहीं समझाते कि यह इस्लाम के अनुसार सही नहीं है?

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि राजनीतिक बयानबाजी अक्सर चुनावी लाभ के लिए होती है। लेकिन धार्मिक मुद्दों को चुनावी रैलियों में घसीटना संवेदनशील है। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए समाज में एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा देना चाहिए।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या ममता बनर्जी वास्तव में मंदिरों का दिखावा कर रही हैं?
इस पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं, लेकिन विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता का कहना है कि यह चुनावी राजनीति का हिस्सा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की क्या जानकारी है?
हाल के समय में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर कई हमले हुए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की चिंता का विषय हैं।
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