क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू में 1000 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया?

Key Takeaways
- केजीएमयू की स्थापना 120 वर्ष पहले हुई थी।
- मुख्यमंत्री ने 1000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- केजीएमयू ने दो बड़ी महामारियों का सामना किया है।
- प्रदेश में 'वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज' योजना लागू की जा रही है।
- आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर मेडिकल टेक्नोलॉजी में नई पहल की जा रही है।
लखनऊ, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि केजीएमयू केवल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है। आज केजीएमयू को लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत की नई सुविधाओं का उपहार मिला है। लोकमंगल की दिशा में स्थापित यह संस्थान समय के अनुसार अपने कार्यों को संपादित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में लगभग एक हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने सेंटर फॉर ऑर्थोपैडिक सुपर स्पेशियलिटी, न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग और न्यू गेस्ट हाउस के ऊपर अतिरिक्त तल के निर्माण का उद्घाटन किया। इसके अलावा, जनरल सर्जरी विभाग के नए भवन, 500 बेड की क्षमता वाले ट्रॉमा सेंटर के विस्तार और अन्य सुविधाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने लोकार्पित भवनों का निरीक्षण किया और मरीजों की कुशलक्षेम पूछी।
सीएम योगी ने कहा कि केजीएमयू ने अपने 120 वर्ष की यात्रा में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। यहां प्रदेश, पड़ोसी राज्यों और नेपाल से भी कई मरीज इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि वे स्वस्थ होकर लौटेंगे। केजीएमयू ने पिछले सदी और वर्तमान में दो बड़ी महामारियों का सामना किया है। पिछली सदी में यह संस्थान शैशवावस्था में था, जबकि वर्तमान सदी में कोरोना महामारी के दौरान यह जांच की सुविधा का केंद्र बना।
उन्होंने बताया कि जनपद बलरामपुर में केजीएमयू का एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित किया गया है। अब समय आ गया है कि केजीएमयू महानगरीय सुविधाओं से बाहर भी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराए। पिछले वर्ष, केजीएमयू ने फैकल्टी मेम्बर्स की बड़ी संख्या में नियुक्तियां की हैं। बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज अगले सत्र से शुरू करने के लिए कार्य कर रहा है। प्रदेश में नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की जा रही है, क्योंकि नर्सिंग सेवा स्वास्थ्य की बैकबोन है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार आईआईटी कानपुर के साथ मेड टेक कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। हमारा प्रयास है कि इस नई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ केजीएमयू और एसजीपीजीआई भी जुड़े। आज चिकित्सा तकनीक अत्याधुनिक स्तर पर पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें प्रौद्योगिकी की दिशा में सक्रिय रहना होगा। प्रदेश सरकार इस प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। डबल इंजन सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में लगातार प्रयासरत है। एम्स जैसे संस्थान देश में स्वास्थ्य के बेहतरीन केंद्र माने जाते हैं। आजादी के बाद से लेकर 1998-99 तक देश में केवल एक एम्स स्थापित हुआ था, जबकि पिछले 11 वर्षों में इसकी संख्या 23 तक पहुंच चुकी है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बहुत कम थी। 2017 तक केवल 17 मेडिकल कॉलेज बने थे। आज राज्य सरकार 'वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज' की परिकल्पना को साकार कर रही है। इससे जनपद स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। पिछले वर्ष, प्रदेश में 17 मेडिकल कॉलेजों में नए एडमिशन हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू में पढ़ाई करना और यहां के फैकल्टी मेम्बर बनना चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति का प्रतीक है। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद भी शामिल थे।