क्या है मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ का 25वां वर्ष: आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का एकीकरण?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ की स्थापना 2001 में हुई थी।
- यह संगठन त्रि-सेवा समन्वय का आधार स्तंभ है।
- साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्रों में यह अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
- संयुक्त सैन्य संरचनाओं का निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु एक स्थायी संस्था के रूप में ‘मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ’ की स्थापना की गई थी। 1 अक्टूबर 2001 को स्थापित हुए इस सैन्य संगठन का आज 25वां स्थापना दिवस है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आज यह संगठन, त्रि-सेवा समन्वय यानी नौसेना, वायुसेना और थलसेना के बीच तालमेल का एक महत्वपूर्ण आधार बन चुका है। यह संगठन साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह भारत की एकीकृत सैन्य तैयारियों को सशक्त बनाने में एक प्रमुख भागीदार है। पिछले वर्षों में, मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ ने कई संयुक्त सैन्य संरचनाओं का निर्माण किया है और इंटीग्रेटेड थिएटर स्तर की व्यवस्थाओं में योगदान दिया है।
सैन्य क्षमता निर्माण के क्षेत्र में, एकीकृत रक्षा स्टाफ ने त्रि-सेवा रोडमैप तैयार किए और राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों तथा उद्योग जगत के साथ मिलकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्वदेशी समाधानों को प्रोत्साहित किया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह संस्था सैन्य और नागरिक नेतृत्व को एक साझा मंच प्रदान करती रही है। संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस जैसे उच्चस्तरीय सम्मेलनों के आयोजन से लेकर मित्र देशों के साथ संयुक्त स्टाफ टॉक्स और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग ढांचों में योगदान तक, इस संगठन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रक्षा साझेदारी को मजबूत किया है। मानवता आधारित सहायता एवं आपदा राहत के क्षेत्र में भी इस सैन्य संगठन ने समन्वित अभ्यासों और तैनातियों के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा के दौरान सहायता में योगदान दिया है।
साल 2025 में संयुक्त परिचालन समीक्षा एवं मूल्यांकन कार्यक्रम के अंतर्गत संयुक्त प्रशिक्षण और शिक्षा को नई दिशा दी गई। साथ ही साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष जैसे उभरते क्षेत्रों में वैज्ञानिक संस्थानों से संवाद और नई तकनीकों के सैन्य उपयोग को बढ़ावा देकर भारत की तैयारियों को और आगे बढ़ाया गया।
रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस संगठन ने भविष्य के लिए संयुक्त सैन्य ऑपरेशनल सिद्धांतों को और मजबूत किया है। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक आधारित प्रशिक्षण ढांचों को संस्थागत रूप दिया है। इस संगठन ने बहुपक्षीय सुरक्षा सहयोग में भारत की भूमिका का एक रोडमैप प्रस्तुत किया है।
अपने स्थापना दिवस के अवसर पर, इस अवसर पर ‘मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ’ ने अपने पूर्व और वर्तमान कार्मिकों की निष्ठा और समर्पण को नमन किया। इसकी स्थापना का उद्देश्य योजनाओं, बल संरचना, क्षमता विकास और सिद्धांतों के एकीकृत दृष्टिकोण को सुनिश्चित करना रहा है, जिससे भारतीय सेनाओं की ऑपरेशनल क्षमता और प्रभावशीलता और भी सुदृढ़ हुई है।