क्या मुंबई बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर सपा सांसद का जवाब है उचित?

सारांश
Key Takeaways
- अमित साटम का बयान राजनीतिक माहौल को गर्म कर रहा है।
- सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
- जनता लोकतंत्र के अनुसार अपने वोट से जवाब देगी।
संभल, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम के विवादित बयान 'किसी खान को मेयर न बनने दो' ने सियासी हलचल मचा दी है। उनके इस टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जिया उर रहमान बर्क ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि ऐसे बयानों से लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान या धर्म के आधार पर न तो उसे सत्ता से रोका जा सकता है और न ही किसी को जबरदस्ती सत्ता में बैठाया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को वोट देने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार देता है। जनता जिसे चाहेगी, वही मेयर बनेगा, वही सांसद और वही विधायक चुना जाएगा। किसी के कहने या रोकने से लोकतंत्र की दिशा नहीं बदल सकती।
बर्क ने बीजेपी की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर बीजेपी नेताओं की मानसिकता ऐसे बयानों से उजागर होती रहती है, चाहे वह चुनावी रैलियों के दौरान हो या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में। उनके मुताबिक, बीजेपी का असली एजेंडा समाज में नफरत फैलाना है, खासकर मुसलमानों के खिलाफ। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गिने-चुने नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू-मुसलमान के बीच खाई पैदा करना चाहते हैं।
सपा सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि देश में आम हिंदू और मुसलमान के बीच असली नफरत नहीं है। दोनों समुदाय लंबे समय से मिल-जुलकर रहते आए हैं और आपसी भाईचारे की मिसाल कायम की है। समाज में विभाजन की कोशिशें केवल राजनीति तक सीमित हैं और जनता इनका जवाब अपने वोट से देगी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार जनता ऐसे बयानों का करारा जवाब देगी। बर्क ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले वक्त में जनता इस सोच को नकारेगी और जवाब उसी तरीके से देगी, जैसे लोकतंत्र में दिया जाता है। जिनके खिलाफ इस तरह की बातें की जा रही हैं, उन्हीं में से कोई उम्मीदवार जीतकर बीजेपी को जवाब देगा।