क्या मुंबई हवाई अड्डे पर मानव तस्करी का पर्दाफाश हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है।
- अधिकारियों की सतर्कता से कई मामलों का पर्दाफाश होता है।
- फर्जी कागजात के जरिए विदेशी यात्रा की कोशिशें बढ़ रही हैं।
- कानून को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों की चौकसी की वजह से मानव तस्करी की एक गंभीर घटना का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने फर्जी विवाह प्रमाणपत्र के माध्यम से 28 वर्षीय महिला कमलजीत कौर को नीदरलैंड्स के एम्स्टर्डम ले जाने का प्रयास विफल कर दिया।
कागजात की बारीकी से जांच के दौरान विसंगतियाँ पाई गईं, जिसके बाद आरोपी विजय कुमार राधेश्याम ग्रोवर (43) को हिरासत में लिया गया। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि सच सामने आ सके।
यह घटना 7 अक्टूबर की है। दिल्ली में ट्रैवल एजेंट के रूप में कार्यरत ग्रोवर का संबंध पंजाब के जालंधर से है।
वह महिला के साथ हवाई अड्डे पर पहुंचा और दावा किया कि वे शादीशुदा हैं और एम्स्टर्डम जा रहे हैं। उसने दिसंबर 2023 का एक विवाह प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया, जो गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) से जारी होने का दावा किया गया था। नियमित पूछताछ के दौरान अधिकारियों को उनके उत्तरों में विरोधाभास दिखा। गहन जांच में प्रमाणपत्र फर्जी साबित हुआ।
महिला ने बताया कि ग्रोवर ने उसे विदेश ले जाने के लिए 25 लाख रुपये लिए थे। आरोपी ने कबूल किया कि वे शादीशुदा नहीं हैं। पुलिस को संदेह है कि ग्रोवर ने 30-35 लोगों के लिए फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवाए हैं।
वह थाईलैंड, चीन, दुबई, लंदन सहित नौ देशों में 13 बार यात्रा कर चुका है। मामले में उसके साथी गुरजीत सिंह की तलाश जारी है, जो महिला को आरोपी से जोड़ने वाला मध्यस्थ था।
मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल इस मामले की जांच कर रही है। एक टीम पंजाब भेजी गई है ताकि आरोपी के नेटवर्क का पता लगाया जा सके। साहार पुलिस स्टेशन में मानव तस्करी, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है। ग्रोवर को 15 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि यह रैकेट महिलाओं को फर्जी शादी के बहाने विदेश भेजकर शोषण के लिए तस्करी करता था। जांच में और पीड़ितों का पता चल सकता है। हवाई अड्डे पर सतर्कता बढ़ा दी गई है।