क्या कोर्ट से बाहर निकलते वक्त ये गाड़ियां नहीं दिखनी चाहिए? मुंबई प्रदर्शन पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सख्त टिप्पणी

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क्या कोर्ट से बाहर निकलते वक्त ये गाड़ियां नहीं दिखनी चाहिए? मुंबई प्रदर्शन पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सख्त टिप्पणी

सारांश

मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस ने आंदोलन की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं। क्या सरकार इस पर कोई कार्रवाई करेगी? जानें पूरी खबर।

Key Takeaways

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं।
  • चीफ जस्टिस ने सड़क पर जज के चलने की जगह ना होने की बात कही।
  • मराठा आरक्षण आंदोलन में 5000 गाड़ियां शामिल हैं।
  • सरकार को 3 बजे तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
  • मंत्री पंकज भोयर ने शांति का रास्ता निकालने की उम्मीद जताई।

मुंबई, २ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मराठा आरक्षण के आंदोलन के संदर्भ में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दोपहर ३ बजे तक स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर नाराजगी जताई।

कोर्ट में वरिष्ठ वकील सतीश मानशिंदे ने राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा, जबकि मराठा समुदाय के वकील ने बताया कि आंदोलन में लगभग 5000 गाड़ियां पहुंच चुकी हैं, लेकिन 500 लोगों के रुकने तक की व्यवस्था नहीं की गई है।

इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, "सड़कों पर जज के चलने की भी जगह नहीं है। हालात सामान्य करें वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।" कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं और भीड़ को नियंत्रित किया जाए।

चीफ जस्टिस चंद्रशेखर ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस मामले को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि ३ बजे के बाद की इजाजत नहीं है। चीफ जस्टिस ने सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा, 'जब मैं कोर्ट से निकलूंगा, हमें ये गाड़ियां नहीं दिखनी चाहिए। इसके लिए जो भी उचित और आवश्यक कदम हों, उठाएं।'

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दोपहर ३ बजे तक रिपोर्ट देने और कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके बाद फिर से बेंच बैठेगी और स्थिति की समीक्षा करेगी।

जानकारी के अनुसार, मनोज जरांगे मराठा समाज आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में ४ दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मुंबई में जगह-जगह जाम की स्थिति देखी गई। इस स्थिति में मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे के प्रदर्शन को अनुमति देने से इनकार करते हुए आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेजा है।

महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री पंकज भोयर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सरकार की ओर से मनोज जरांगे और उनके साथियों को बार-बार रिक्वेस्ट की गई है कि आंदोलन से मुंबईवासियों को परेशानी न हो।

मंत्री पंकज भोयर ने यह भी कहा कि मुझे विश्वास है कि मनोज जरांगे और उनके साथी सरकार के साथ चर्चा करके शांति का रास्ता निकालेंगे।

Point of View

बल्कि आम लोगों की समस्याओं का भी समाधान होगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कब तक रिपोर्ट देने को कहा?
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दोपहर 3 बजे तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
क्या मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण मुंबई में जाम की स्थिति है?
हां, इस आंदोलन के चलते मुंबई में जगह-जगह जाम की स्थिति देखी गई है।
चीफ जस्टिस ने सरकार से क्या कहा?
चीफ जस्टिस ने कहा कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं और हालात सामान्य करें।
क्या मंत्री पंकज भोयर ने कुछ कहा है?
हाँ, उन्होंने कहा कि सरकार ने मनोज जरांगे और उनके साथियों से अनुरोध किया है कि आंदोलन से मुंबईवासियों को परेशानी न हो।
मनोज जरांगे कौन हैं?
मनोज जरांगे मराठा समाज के एक नेता हैं, जो आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।