क्या मुरादाबाद पुलिस ने साइबर ठगी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी एक गंभीर अपराध है।
- जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी है।
- पुलिस की कार्रवाई से ठगों को सबक मिलेगा।
- साइबर अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है।
- जुर्म की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है।
मुरादाबाद, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुरादाबाद पुलिस ने साइबर अपराध की दुनिया में एक चालाक ठग महिला को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इस आरोपी ने शादी से संबंधित वेबसाइटों के माध्यम से लोगों को फंसाकर विदेश से पार्सल भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे। पुलिस ने उसके पास से एक लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन, नौ एटीएम कार्ड, दो चेकबुक, एक पासबुक, छह सिम कार्ड और 20,570 रुपये नकद बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान कोनसम सुनीता, पुत्री कोनसम जॉन के रूप में हुई है। वह मूल रूप से मणिपुर के चंदेल जिले के गांव चापिकारोंग की निवासी है, लेकिन वर्तमान में दिल्ली के उत्तम नगर में रह रही थी।
सुनीता ने पूछताछ में बताया कि उसने उत्तम नगर में एक युवक से काम की तलाश के दौरान मुलाकात की। उस युवक ने उसे साइबर ठगी का लालच देकर जल्दी पैसे कमाने का सपना दिखाया। इसके बाद, वह उसके साथ मिलकर ठगी करने लगी। उसका मुख्य कार्य पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के बैंक खातों को एकत्र करना था, जिन्हें पैसे या सरकारी योजनाओं का लालच देकर खुलवाया जाता था।
यह मामला मुरादाबाद की एक महिला के साथ हुई ठगी से जुड़ा है। 31 अगस्त को पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी धारक आरव सिंह ने खुद को अमेरिका से पार्सल भेजने वाला बताया। बाद में विभिन्न मोबाइल नंबरों से कॉल करके खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए पार्सल में सोना और अन्य कीमती सामान होने की बात कही। मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर पीड़िता से कुल 94 लाख 78 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की, जिसके आधार पर सुनीता को दिल्ली से दबोच लिया गया।
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि सुनीता का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उसके खिलाफ दिल्ली के कई थानों में मामले दर्ज हैं। गंगवार ने कहा, "साइबर ठगों के खिलाफ अभियान जारी है। इस गिरफ्तारी से नेटवर्क की कई जानकारियां सामने आई हैं। आगे और लोगों को भी पकड़ा जाएगा।"