क्या मुस्लिमों की हालत दलितों से भी खराब थी? वक्फ संशोधन क्यों था जरूरी: संजय निषाद

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क्या मुस्लिमों की हालत दलितों से भी खराब थी? वक्फ संशोधन क्यों था जरूरी: संजय निषाद

सारांश

उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर बात करते हुए कहा कि मुसलमानों की स्थिति दलितों की तुलना में भी खराब है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन्हें मुख्यधारा में लाना जरूरी है। जानिए इस मुद्दे पर उनकी क्या राय है और क्या है वक्फ बोर्ड में संशोधन की आवश्यकता।

Key Takeaways

  • मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है।
  • वक्फ संशोधन की आवश्यकता है।
  • कांग्रेस ने गरीबों को नजरअंदाज किया है।
  • मोदी का विकास मंत्र जमीनी हकीकत बन रहा है।
  • इतिहास को याद रखना जरूरी है।

लखनऊ, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर अपनी प्रतिक्रिया में उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सरकार जनता की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए अभिभावक की भूमिका में होती है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में एक अध्ययन का उल्लेख करते हुए कहा कि मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति दलितों से भी खराब है। वे केवल वोट डाल रहे थे, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए वक्फ बोर्ड में संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान होना चाहिए।

कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे 'वोट चोर गद्दी छोड़ो' हस्ताक्षर अभियान पर मंत्री संजय निषाद ने कहा, "ये वही लोग हैं जिन्होंने देश की गरीबों की नोट और नौकरी दोनों चुराई हैं। अनुसूचित जातियों के 66 समूहों में से 65 को इन सरकारों ने पूरी तरह नजरअंदाज किया है। यही कारण है कि इन जातियों ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।"

कोलकाता में आयोजित कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए संजय निषाद ने कहा, "मोदी हैं, तो मुमकिन है। सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास का मंत्र अब जमीनी हकीकत बन रहा है।" उन्होंने कहा कि हर राज्य को नई तकनीक मिलनी चाहिए, क्योंकि तकनीक ही वह माध्यम है जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान 'भारत के 3,000 वर्षों तक दुनिया का सिरमौर रहने के दौरान विश्व में कोई कलह नहीं थी' पर संजय निषाद ने सहमति जताते हुए ऐतिहासिक उदाहरण दिए।

उन्होंने कहा, "इलाहाबाद में खुदाई के दौरान जो प्रमाण मिले हैं, उनमें लिखा है कि भगवान राम 3,000 साल पहले निषाद राज की धरती पर आए थे। तब निषाद राज ने ही सबसे पहले भगवान राम की दिव्यता को पहचाना था। रामराज और निषादराज की वह व्यवस्था हमारे अतीत का प्रतीक है।"

उन्होंने आगे 'जस्टिस ऑफ इंडिया' पुस्तक का हवाला देते हुए दावा किया कि "उस काल में भारत की जीडीपी ग्रोथ 33.5 प्रतिशत थी और शिक्षा दर 75 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। हम उस समय दुनिया को भोजन दे रहे थे और 'विश्वगुरु' के रूप में जाने जाते थे।"

उन्होंने मोहन भागवत को धन्यवाद देते हुए कहा, "इतिहास को याद रखना जरूरी है, क्योंकि इतिहास से ही राजनीति होती है।"

Point of View

उन्होंने वक्फ बोर्ड में संशोधन की आवश्यकता को बल दिया है। यह मुद्दा न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि समग्र समाज के लिए प्रासंगिक है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का उद्देश्य क्या है?
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारना है।
संजय निषाद ने किस रिपोर्ट का हवाला दिया?
उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें मुसलमानों की स्थिति दलितों से खराब बताई गई है।
कांग्रेस पर संजय निषाद का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों की नौकरी और नोट दोनों चुराए हैं।
मोहन भागवत के बयान पर संजय निषाद का क्या विचार है?
उन्होंने मोहन भागवत के बयान पर सहमति जताई और ऐतिहासिक उदाहरण दिए।
तकनीक के बारे में संजय निषाद का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि तकनीक से भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है।