क्या मुजफ्फरनगर में संघ शताब्दी वर्ष का पथ संचलन ऐतिहासिक रहा?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस का 100 वर्ष का समारोह मुजफ्फरनगर में हुआ।
- पथ संचलन में हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
- मुस्लिम समुदाय ने पुष्प वर्षा कर एकता का संदेश दिया।
मुजफ्फरनगर, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को भव्य पथ संचलनों का आयोजन किया गया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित इन आयोजनों में हजारों की संख्या में स्वयंसेवक अनुशासित ढंग से भाग लेते नजर आए।
वसुंधरा कॉलोनी से लेकर अवध विहार ए टू जेड रोड तक निकाले गए पथ संचलन में आरएसएस के सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए। इस आयोजन में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, ब्लॉक प्रमुख सदर अमित कुमार, हरीश अहलावत, भोपाल सिंह और सुघोष आर्य जैसे प्रमुख भाजपा और संघ से जुड़े नेता उपस्थित रहे।
इस दौरान रास्ते में लोगों ने स्वयंसेवकों पर फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया और उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।
इस अवसर पर एक और खास आयोजन रामलीला टीला क्षेत्र में हुआ, जहां भारी संख्या में आरएसएस स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। इस कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि हिंदुस्तानी पसमांदा मंच से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा की और राष्ट्रीय एकता व भाईचारे की मिसाल पेश की।
कार्यक्रम का नेतृत्व हिंदुस्तानी पसमांदा मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार और राष्ट्रीय संयोजक शमशाद मीर के दिशा-निर्देश में किया गया।
मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद रिजवान अंसारी ने कहा कि यह आयोजन भारत की गंगा-जमुनी तहजीब और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी बताया कि मुजफ्फरनगर ने हमेशा से आपसी सौहार्द की मिसाल कायम की है और आज का यह आयोजन उसी परंपरा का विस्तार है।
मुजफ्फरनगर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते इस संचलन में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अनुशासित तरीके से भाग लिया। सबसे खास बात रही कि रास्ते भर विभिन्न समुदायों के लोगों ने स्वागत में पुष्प वर्षा की, जिसमें मुस्लिम समुदाय की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली।
इस कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इदरीस खान, मौलाना सदरी आलम, आमिर मिर्जा, रविश अंसारी, मोहम्मद साजिद सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।