क्या मैसूर दशहरा का सफल आयोजन हुआ? सीएम सिद्धारमैया ने बानू मुश्ताक को धन्यवाद दिया

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क्या मैसूर दशहरा का सफल आयोजन हुआ? सीएम सिद्धारमैया ने बानू मुश्ताक को धन्यवाद दिया

सारांश

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर में ऐतिहासिक दशहरा समारोह के सफल आयोजन के लिए बानू मुश्ताक को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस जन-पर्व की महत्ता और किसानों को मिलने वाले मुआवजे पर भी चर्चा की। जानिए इस वर्ष के उत्सव के बारे में और क्या खास रहा।

Key Takeaways

  • मैसूर का दशहरा एक प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव है।
  • मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उत्सव की सफलता की सराहना की।
  • बानू मुश्ताक ने उद्घाटन किया।
  • किसानों के लिए मुआवजा की घोषणा की गई।
  • उत्सव ग्यारह दिनों तक मनाया जाएगा।

मैसूर, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को दशहरा उद्घाटन के लिए धन्यवाद दिया और मैसूर शहर में ऐतिहासिक दशहरा समारोह के सफल आयोजन के लिए मंत्रियों एवं अधिकारियों की सराहना की।

मैसूर में गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दशहरा एक जन-जन का उत्सव है। यह तभी सफल होता है जब अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हों। मैं लेखिका और बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस वर्ष के दशहरा उत्सव का उद्घाटन किया। यह खुशी की बात है कि यह उत्सव बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक मनाया गया। मैं उन मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों की सराहना करता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा कि दशहरा एक जन-पर्व है और यह उत्सव तभी सफल होता है जब इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार दशहरा उत्सव ग्यारह दिनों तक मनाया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि मैंने अपने दोनों कार्यकालों के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में सभी दशहरा उत्सवों में भाग लिया है। जनता के आशीर्वाद से मुझे 8 बार मुख्यमंत्री के रूप में दशहरा में भाग लेने का अवसर मिला है, जिससे मुझे अपार खुशी मिली है।

बाढ़ और बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में अच्छी बारिश हुई है। सभी जलाशय भरे हुए हैं और फसलें अच्छी तरह उगी हैं। हालांकि, उत्तरी कर्नाटक के कुछ जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण लगभग 10 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि कलबुर्गी की अपनी यात्रा के दौरान मैंने घोषणा की थी कि सर्वेक्षण के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। सरकार और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के सहयोग से शुष्क भूमि के लिए 17,000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सिंचित भूमि के लिए 17,500 रुपए प्रति हेक्टेयर और बहु-फसलीय भूमि के लिए 31,000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा तय किया गया है।

उन्होंने कहा कि लगातार भारी वर्षा के कारण संयुक्त फसल-नुकसान सर्वेक्षण करना संभव नहीं हो पाया है। सर्वेक्षण पूरा हो जाने पर, क्षतिग्रस्त सभी 10 लाख हेक्टेयर फसलों के लिए मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

विजयादशमी के अवसर पर सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने देवी चामुंडेश्वरी को पुष्पांजलि अर्पित की, जिन्हें अभिमन्यु ने मैसूर पैलेस परिसर के अंदर स्वर्ण हौदा में ले जाया था।

इस दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विभू बखरू, मंत्री एचसी महादेवप्पा और शिवराज तंगडगी, सांसद यदुवीर वाडiyar, मुख्य सचिव शालिनी राजनेश, उपायुक्त लक्ष्मीकांत रेड्डी और पुलिस आयुक्त सीमा लटकर भी मौजूद रहे।

इससे पहले, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मैसूर के चामुंडी हिल पर देवी चामुंडेश्वरी की पूजा की। इस अवसर पर, उन्होंने चामुंडेश्वरी मंदिर के सामने नारियल तोड़ने की रस्म भी की।

Point of View

बल्कि यह कर्नाटक सरकार के प्रयासों और जनता के सहयोग की भी गवाही देती है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का सकारात्मक दृष्टिकोण और किसानों के मुआवजे की घोषणा ने इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

मैसूर दशहरा का क्या महत्व है?
मैसूर दशहरा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह विजय का प्रतीक है।
कौन सा मुख्यमंत्री दशहरा समारोह में शामिल हुए?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दशहरा समारोह में भाग लिया।
बानू मुश्ताक को क्यों धन्यवाद दिया गया?
बानू मुश्ताक को दशहरा उद्घाटन के लिए धन्यवाद दिया गया, क्योंकि वह बुकर पुरस्कार विजेता हैं।
किस कारण से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा?
किसानों को मुआवजा अत्यधिक बारिश के कारण फसलों के नुकसान के लिए दिया जाएगा।
दशहरा उत्सव कब तक मनाया जाएगा?
इस बार दशहरा उत्सव ग्यारह दिनों तक मनाया जाएगा।