क्या भारत में 76 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों ने खपत में वृद्धि की है? : नाबार्ड

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क्या भारत में 76 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों ने खपत में वृद्धि की है? : नाबार्ड

सारांश

क्या आप जानते हैं कि नाबार्ड के हालिया सर्वेक्षण में 76.6 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों ने खपत में वृद्धि दर्ज की है? यह रिपोर्ट ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और महंगाई में कमी के संकेत देती है। जानिए और क्या जानकारी मिली है इस सर्वे से।

Key Takeaways

  • 76.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों ने खपत में वृद्धि की है।
  • महंगाई में कमी आई है, 78.4 प्रतिशत परिवारों का मानना है कि मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत या उससे कम है।
  • सर्वे में 20 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने अपनी बचत में वृद्धि की।
  • 74.7 प्रतिशत लोग अगले वर्ष आय में वृद्धि की उम्मीद करते हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं के प्रति संतोष बढ़ा है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 76.6 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों ने अपने खर्च में वृद्धि दर्ज की है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तेज गति का संकेत है।

जुलाई 2025 के सर्वे से यह भी स्पष्ट हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई की चिंताएं कम हुई हैं, क्योंकि 78.4 प्रतिशत से अधिक परिवारों का मानना है कि वर्तमान मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत या उससे कम है। यह मूल्य स्थिरता में सुधार को भी दर्शाता है।

ग्रामीण मुद्रास्फीति पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों में भी गिरावट देखी गई, जो मार्च में 3.25 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में 2.92 प्रतिशत हो गया। मई में यह और घटकर 2.59 प्रतिशत और जून में 1.72 प्रतिशत रह गया।

इसके अलावा, इस सर्वे में यह भी सामने आया है कि 20 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने अपनी बचत में वृद्धि दर्ज की, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत है। 52.6 प्रतिशत लोगों ने केवल औपचारिक संस्थानों से ऋण लिया।

सर्वे में नौकरियों और आय में वृद्धि की भी रिपोर्ट दी गई, जिसमें 74.7 प्रतिशत लोगों ने अगले वर्ष अपनी आय में वृद्धि की उम्मीद जताई और 56.2 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अल्पावधि में बेहतर रोजगार की संभावनाओं का अनुमान लगाया।

बढ़ती आय, वित्तीय समावेशन और घरेलू आशावाद के साथ, ये निष्कर्ष ग्रामीण भारत की एक उत्साहजनक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं।

केंद्र और राज्यों की ओर से वस्तु और नकद दोनों रूपों में राजकोषीय हस्तांतरण योजनाओं में वृद्धि ने आय और व्यय के स्तर के लिए मजबूत समर्थन प्रदान किया है।

सर्वे में कहा गया है, "इनमें भोजन, बिजली, रसोई गैस, उर्वरक पर सब्सिडी, स्कूल की ज़रूरतों, परिवहन, भोजन, पेंशन और ब्याज सब्सिडी के लिए सहायता शामिल है। औसतन, ये हस्तांतरण एक परिवार की मासिक आय का लगभग 10 प्रतिशत होते हैं।"

इसमें आगे कहा गया है कि ये हस्तक्षेप खासकर कमजोर आबादी के लिए घरेलू मजबूती को काफी बढ़ाते हैं और वित्तीय दबाव को कम करते हैं।

जुलाई के सर्वे से यह भी पता चला कि केवल 2.6 प्रतिशत परिवारों ने इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति अपनी धारणा में गिरावट दर्ज की। यह सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी सेवाओं के प्रति बढ़ती संतोष का संकेत है।

Point of View

जो आर्थिक विकास की दिशा में सकारात्मक संकेत है। महंगाई में कमी और वित्तीय समावेशन के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, यह रिपोर्ट न केवल नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ग्रामीण समाज के लिए भी एक आशा की किरण है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

नाबार्ड का सर्वे कब आयोजित किया गया?
नाबार्ड का सर्वे जुलाई 2025 में आयोजित किया गया।
ग्रामीण परिवारों की खपत में वृद्धि का क्या कारण है?
यह वृद्धि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और महंगाई में कमी के कारण हो रही है।
सर्वे में कितने प्रतिशत परिवारों ने बचत में वृद्धि की?
सर्वे में 20 प्रतिशत से अधिक परिवारों ने बचत में वृद्धि की बात कही है।