क्या चुनाव से जुड़ी भ्रामक पोस्ट पर बवाल मचा? नागपुर पुलिस ने संजय कुमार पर दर्ज की एफआईआर

सारांश
Key Takeaways
- भ्रामक जानकारी का प्रसार चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
- चुनाव आयोग की आधिकारिक जानकारी का महत्व है।
- नागपुर पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ गंभीर धाराएं लगाई हैं।
- सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का प्रसार एक बड़ी समस्या है।
- चुनाव के समय में सतर्क रहना जरूरी है।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी एक पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल पैदा कर दी है। नागपुर पुलिस ने विकासशील समाज अध्ययन केंद्र (सीएसडीएस) के अधिकारी संजय कुमार के खिलाफ चुनाव से संबंधित भ्रामक जानकारी साझा करने के लिए गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब संजय कुमार ने 126-देवलाली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की जानकारी को लेकर एक पोस्ट साझा की, जिसे चुनाव आयोग ने भ्रामक और गलत बताया।
नासिक के जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से लिखा, "संजय कुमार द्वारा लोकसभा 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा 2024 से संबंधित 126-देवलाली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के आंकड़ों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई है। उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि चुनाव से जुड़ी जानकारी केवल चुनाव आयोग (ईसीआई) की आधिकारिक वेबसाइट से लें।"
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नागपुर पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इन धाराओं में धारा 175 (सरकारी आदेश की अवहेलना), धारा 353(1)(बी) (लोक सेवक के कार्य में बाधा डालना), धारा 212 (अपराधी को संरक्षण देना) और धारा 340(1)(2) (गलत जानकारी देना या छिपाना) शामिल हैं। इन धाराओं के तहत संजय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा से झूठी और भ्रामक जानकारी साझा की, जिससे न केवल जनता में भ्रम की स्थिति बनी, बल्कि यह संभावित रूप से चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन भी माना जा सकता है।
इस पूरे मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी समय में अफवाहों और फेक न्यूज के प्रति सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है।