क्या नालंदा में पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की छापेमारी ने पेपर लीक मामले में नई जानकारी उजागर की।
- संजीव मुखिया और उनके सहयोगियों की संपत्तियों की जांच जारी है।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस का सहयोग इस मामले में महत्वपूर्ण है।
- छापेमारी ने राजनीतिक हलचल को भी जन्म दिया है।
- संदीप कुमार की फरारी मामले को और जटिल बना देती है।
नालंदा, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को बिहार के नालंदा जिले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईडी ने नीट पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया से संबंधित दो स्थानों, बलवा गांव और गोसाई मठ पर सुबह छापेमारी की।
ईडी की टीम सुबह नालंदा पहुंची और सुरक्षा बलों के साथ दोनों स्थानों पर एक साथ तलाशी की प्रक्रिया शुरू की। बलवा गांव में छापेमारी संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव के निवास पर हुई, जो सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पहले जेल जा चुका है और हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ है। दूसरी छापेमारी गोसाई मठ में संजीव के करीबी सहयोगी संदीप कुमार के घर पर की गई। संदीप की बड़ी कृषि भूमि है और वह इस क्षेत्र में एक प्रसिद्ध किसान हैं।
गोसाई मठ में ईडी की कार्रवाई के दौरान कुछ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने से पहले सीआरपीएफ जवानों ने भीड़ को संभाला, जिसके बाद तलाशी का कार्य बिना किसी अवरोध के चलता रहा। संदीप कुमार छापेमारी से पहले ही घर से भाग चुका था, जिसे ईडी उसकी संलिप्तता का संकेत मान रही है।
संजीव मुखिया को पेपर लीक का मास्टरमाइंड कहा जाता है। इसे अप्रैल में पटना से गिरफ्तार किया गया था और उस पर तीन लाख रुपये का इनाम था। वह पहले नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के रूप में कार्यरत था। ईडी अब उसकी संपत्तियों और सहयोगियों की जांच कर रही है।
इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। संजीव की पत्नी हरनौत सीट से आगामी विधानसभा चुनाव में भाग लेने की योजना बना रही हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह किसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगी या निर्दलीय उम्मीदवार होंगी।
अब संदीप के फरार होने और अन्य सबूतों की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी इस मामले में सहयोग कर रहे हैं।