क्या नंदिता दास ने अपने बचपन के स्कूल में जाकर पुरानी यादों को ताजा किया?

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क्या नंदिता दास ने अपने बचपन के स्कूल में जाकर पुरानी यादों को ताजा किया?

सारांश

नंदिता दास ने अपने बचपन के स्कूल में जाकर पुरानी यादों को ताजा किया और साझा किए अनुभवों को लेकर भावुकता प्रकट की। जानिए नंदिता ने अपने स्कूल के अनुभवों को कैसे याद किया और किस तरह से वह आज भी उन मूल्यों को अपने अंदर जिंदा रखती हैं।

Key Takeaways

  • नंदिता दास ने अपने स्कूल के अनुभवों को साझा किया।
  • उन्होंने बताया कि सरदार पटेल विद्यालय में पढ़ाई करने का उनका अनुभव कैसा रहा।
  • स्कूल में विभिन्न भाषाएं सीखने का महत्व बताया गया।
  • नंदिता ने भावुकता से अपने पुराने दिनों को याद किया।
  • उन्होंने बताया कि कैसे स्कूल के मूल्य आज भी उनके अंदर हैं।

मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने हाल ही में अपने परिवार के साथ स्कूल के एक समारोह में भाग लिया, जिसकी तस्वीरें साझा कर उन्होंने प्रशंसकों के साथ अपनी पुरानी यादों को ताजा किया।

अभिनेत्री ने तस्वीरें साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, "ऐसा शायद ही कभी होता है जब मैं कहीं से लौटकर तुरंत पोस्ट कर दूं। आमतौर पर मैं कुछ हफ्तों बाद ही अपने अनुभव साझा करती हूं। मुझे अपने अनुभव साझा करके यादें संजोना अच्छा लगता है और उन्हें अपने करीबियों, दोस्तों और आप सभी के साथ बांटना भी। आपसे मैंने कभी मुलाकात नहीं की, लेकिन फिर भी अपनापन महसूस होता है। अब तो कुछ लोगों को पहचानने लगी हूं, आपके कमेंट्स और संदेशों को पढ़कर मुझे खुशी और लगाव महसूस होता है।"

निर्देशक ने बताया कि उनकी पोस्ट दिल्ली की है। उन्होंने लिखा, "यह मेरी पोस्ट 31 अक्टूबर, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के दिन की है।"

नंदिता ने बताया कि उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उनके स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने लिखा, "इस पोस्ट में कुछ तस्वीरें उस दिन की हैं, और आखिरी तस्वीर तब की है जब मैं नर्सरी में थी। क्या आप मुझे पहचान सकते हैं?"

उन्होंने आगे लिखा, "मुझे अपने स्कूल सरदार पटेल विद्यालय वापस जाकर बहुत खुशी हुई, जहां मैंने 14 साल पढ़ाई की। इस स्कूल की खासियत है कि यह सभी बच्चों को एक साथ लेकर चलने और सवाल पूछने की आजादी में विश्वास करता है। यही मूल्य मेरे अंदर भी हैं।"

नंदिता ने बताया कि यह स्कूल भारत की जड़ों से जुड़ा था, लेकिन कभी सीमित नहीं रहा — यहां बहुत खुला और अपनापन भरा माहौल था, जिसने मेरी सोच और व्यक्तित्व पर गहरा असर डाला।

उन्होंने बताया कि स्कूल में विभिन्न भाषाएं सिखाई जाती थीं। उन्होंने लिखा, "मैंने स्कूल में तमिल भाषा ली थी, और मैंने तभी सोच लिया था कि मैं कभी तमिल फिल्मों में काम करूंगी। स्कूल में हम मराठी, असमिया, गुजराती आदि में गीत गाते थे। हर शुक्रवार को हम अपने अपनाए गांव 'मंडी गांव' के लिए संग्रह करते थे, जहां जाकर कुछ सीखते और मदद भी करते थे। स्कूल में डांस, संगीत, कला, खेल और सामाजिक काम को पढ़ाई जितना ही महत्व दिया जाता था।"

निर्देशक ने अंत में लिखा, "स्कूल में कई सालों के बाद लौटना मेरे लिए एक भावुक पल था। वहां के शिक्षक, छात्र, अभिभावक सब नए थे, लेकिन स्कूल का माहौल बिल्कुल वैसा ही था, जिसे देखकर दिल खुश हो गया। इस दौरान मेरे साथ मेरे माता-पिता और विहान भी थे। मैंने उन्हें पूरा स्कूल घुमाया और कई पुरानी यादें ताजा की।"

Point of View

बल्कि जीवन के मूल्य भी सिखाती है। उनके अनुभवों में भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता का महत्त्व है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

नंदिता दास ने किस स्कूल में पढ़ाई की?
सरदार पटेल विद्यालय में नंदिता दास ने 14 साल पढ़ाई की।
क्या नंदिता दास ने अपने स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया?
जी हां, नंदिता दास को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
नंदिता दास ने कौन-कौन सी भाषाएं स्कूल में पड़ी?
उन्होंने स्कूल में तमिल, मराठी, असमिया, गुजराती जैसी भाषाएं पढ़ीं।
स्कूल में नंदिता दास ने किस प्रकार की गतिविधियों में भाग लिया?
स्कूल में डांस, संगीत, कला और सामाजिक काम को पढ़ाई के समान महत्व दिया जाता था।
नंदिता दास ने अपने अनुभव साझा करने का कारण क्या बताया?
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने अनुभवों को साझा करके यादें संजोना अच्छा लगता है।