क्या उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व और मराठी भाषा पर बोलने का अधिकार नहीं है? : नारायण राणे

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क्या उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व और मराठी भाषा पर बोलने का अधिकार नहीं है? : नारायण राणे

सारांश

नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व और मराठी भाषा के मुद्दे पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि ठाकरे को इस विषय पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। राणे ने उनके और राज ठाकरे के बीच के संभावित मेलजोल पर भी सवाल उठाए हैं। यह मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है।

Key Takeaways

  • उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व और मराठी भाषा पर बोलने का अधिकार नहीं है।
  • राज ठाकरे और उद्धव के बीच कोई संबंध नहीं है।
  • राजनीति में मुद्दों की कमी है।
  • भाजपा के पास २३५ विधायक हैं।
  • उद्धव ठाकरे का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित है।

मुंबई, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व और मराठी भाषा पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

राज ठाकरे के साथ उद्धव के संभावित मेलजोल को लेकर नारायण राणे ने कहा, "कोई भी कहीं भी जाए, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। राज ठाकरे कभी भी उद्धव ठाकरे को नहीं बुलाएंगे, क्योंकि अब उनके पास शिवसेना बची नहीं है। असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है, और उद्धव ठाकरे की शिवसेना सिर्फ एक दिखावा है। विपक्ष के पास सरकार को घेरने की शक्ति नहीं है।"

मराठी भाषा पर राजनीति को लेकर नारायण राणे ने कहा, "दोनों नेताओं ने मराठी मुद्दा उठाया है। उन्हें बताना चाहिए कि वे अपने बच्चों को इंग्लिश माध्यम से क्यों पढ़ा रहे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा चाहिए और उद्धव ठाकरे के पास कोई मुद्दा नहीं है। जब वे खुद मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इन मुद्दों पर कुछ नहीं किया। उद्धव ठाकरे मराठी भाषा के मुद्दे पर श्रेय लेने के लिए बीच में आ गए हैं। उन्हें बताना चाहिए कि मराठी युवाओं की नौकरी के लिए उन्होंने क्या किया?"

दोनों भाइयों के एक साथ आने पर उद्धव ठाकरे के बयान पर नारायण राणे ने कहा, "हमें कोई परेशानी नहीं है, यदि दो भाई और जुड़ते हैं, तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी महायुति की सरकार को इससे कोई असर नहीं होगा। हमारे पास २३५ विधायक हैं।"

उन्होंने कहा, "यदि दोनों भाई एक साथ आते हैं, तो इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि उद्धव को राज ठाकरे पर प्रेम आ रहा है, तो मातोश्री का एक भाग उन्हें दे दें। उद्धव ठाकरे ने दो बार राज ठाकरे के साथ धोखा किया है और इस बार भी ऐसा ही करेंगे। राज ठाकरे की जिम्मेदारी है कि वे उद्धव ठाकरे को पहचानें।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में विचारधारा और सिद्धांतों का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। नारायण राणे का बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नई दिशा की ओर इशारा कर सकता है। उद्धव ठाकरे का राजनीतिक जीवन भी कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, और यह स्थिति उनके भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर क्या आरोप लगाए?
नारायण राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व और मराठी भाषा पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
क्या राणे ने राज ठाकरे के साथ उद्धव के मेलजोल पर कुछ कहा?
हां, राणे ने कहा कि राज ठाकरे कभी भी उद्धव ठाकरे को नहीं बुलाएंगे क्योंकि शिवसेना अब उनके पास नहीं है।
राणे ने मराठी भाषा पर क्या टिप्पणी की?
नारायण राणे ने कहा कि दोनों नेता मराठी मुद्दा उठाते हैं, जबकि वे अपने बच्चों को इंग्लिश में पढ़ा रहे हैं।