क्या नारायणपुर मुठभेड़ में 40-40 लाख के दो इनामी माओवादी ढेर हुए?

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क्या नारायणपुर मुठभेड़ में 40-40 लाख के दो इनामी माओवादी ढेर हुए?

सारांश

नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो बड़े माओवादी नेताओं को मार गिराया, जिन पर 40-40 लाख का इनाम था। यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसे शांति और विकास की ओर एक कदम बताया। जानें इस मुठभेड़ के पीछे की कहानी और इसका महत्व।

Key Takeaways

  • नारायणपुर मुठभेड़ में 2 माओवादी मारे गए।
  • इन पर 40-40 लाख का इनाम था।
  • मुठभेड़ में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए।
  • मुख्यमंत्री ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता बताया।
  • सुरक्षा बलों की मेहनत को सराहा गया।

नारायणपुर, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अभूझमाड़ क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में दो प्रमुख माओवादी नेताओं को ढेर कर दिया। इन दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के विजन के साथ मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प अवश्य साकार होगा।"

मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई। ये दोनों तेलंगाना के करीमनगर जिले के निवासी थे और पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति के तहत सक्रिय थे।

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित अभूझमाड़ इलाके में माओवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सोमवार सुबह से ही माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। जब मुठभेड़ समाप्त हुई, तब मौके से दो माओवादियों के शव, हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान बरामद किया गया।

ये दोनों माओवादी कई वर्षों से नक्सली हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता थे। इनके कारण कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।

मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस कार्रवाई को माओवादियों के खिलाफ एक बड़ा झटका बताया।

पुलिस महानिरीक्षक ने अपील करते हुए कहा, "माओवादी गतिविधियां अब अपने अंत की ओर हैं। यह समय है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत वे सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन शुरू कर सकते हैं।"

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए कहा, "नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हमारे सुरक्षाबलों ने लाल आतंक के खिलाफ एक साहसिक और सफल अभियान चलाया। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। यह सफलता न केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को भी गति देती है। डबल इंजन सरकार के निरंतर प्रयासों से प्रदेश में नक्सलवाद का अंत अब पहले से कहीं अधिक निकट और निश्चित होता दिखाई दे रहा है।"

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में यह एक निर्णायक सफलता मानी जा रही है। सुरक्षा बलों की मेहनत और सरकार की नीतियां नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और मजबूती प्रदान कर रही हैं।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

नारायणपुर मुठभेड़ में कितने माओवादी मारे गए?
नारायणपुर मुठभेड़ में दो बड़े माओवादी मारे गए हैं।
इन माओवादी नेताओं पर कितना इनाम था?
इन दोनों माओवादी नेताओं पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
मुठभेड़ के दौरान क्या-क्या बरामद हुआ?
मुठभेड़ के दौरान एके-47 राइफल, इंसास राइफल, विस्फोटक, माओवादी साहित्य और अन्य सामान बरामद हुआ।
मुख्यमंत्री ने इस मुठभेड़ के बारे में क्या कहा?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया।
इस कार्रवाई का महत्व क्या है?
यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक झटका साबित हो रही है।