क्या तमिलनाडु के नरसिंहपुरम मंदिर में द्रौपदी अम्मन के लिए भव्य थाली समारोह आयोजित हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- थाली समारोह में सैकड़ों भक्तों की भागीदारी।
- द्रौपदी अम्मन की विशेष पूजा का आयोजन।
- भक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत अनुभव।
- अन्नदानम का आयोजन सभी के लिए अनूठा।
- स्थानीय संस्कृति का प्रतीक।
अथुर, सलेम (तमिलनाडु), 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के सलेम जिले के अथुर के निकट स्थित प्राचीन नरसिंहपुरम श्री धर्मराज (द्रौपदी अम्मन) मंदिर में 43 वर्षों के बाद महाकुंभाभिषेक के उपरांत एक शानदार थाली समारोह का आयोजन किया गया। यह विशेष पूजा का हिस्सा था, जिसमें आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों भक्त एकत्रित होकर दिव्य अनुष्ठान का साक्षात्कार किया।
मंदिर के ट्रस्टी वेलमुरुगन और उनके परिवार के नेतृत्व में 300 से अधिक भक्तों ने 108 पारंपरिक सीरवारिसाई थालियां तैयार कीं।
इन थालियों में पूजा सामग्री और प्रसाद भरा गया था। ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी, और रंग-बिरंगे जुलूस के साथ भक्तों ने एक जीवंत माहौल तैयार किया। जुलूस के जरिए प्रसाद को मंदिर तक लाया गया, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति के रंग में रंग गया।
समारोह में विशेष पूजा-अर्चना की गई। द्रौपदी अम्मन को पराशक्ति श्रृंगार से सजाया गया, जो उन्हें संतान प्राप्ति और सभी आशीर्वाद देने वाली देवी के रूप में दर्शाता है। भक्तों ने एक स्वर में "ॐ शक्ति पराशक्ति" का जाप किया, जिससे आध्यात्मिक माहौल और गहरा हो गया। प्रतीकात्मक रूप से थाली बांधने की रस्म भी निभाई गई। कार्यक्रम का समापन भव्य महा दीपदान से हुआ, जिसके बाद भक्तों को देवी के सुंदर सज्जित रूप के दर्शन हुए।
नरसिंहपुरम और आसपास के क्षेत्रों से हजारों भक्त इस उत्सव में शामिल हुए। मंदिर प्रशासन ने अन्नदानम का आयोजन किया, जिसमें सभी को मुफ्त भोजन वितरित किया गया। यह समारोह भक्ति और भव्यता से भरा रहा, जिससे भक्तों को गहरी आध्यात्मिक शांति मिली। मंदिर समिति ने बताया कि यह अनुष्ठान द्रौपदी अम्मन की कृपा से सफल रहा।
भक्तों ने कहा कि ऐसे आयोजन आस्था को मजबूत करते हैं। इस विशेष अवसर पर भक्तों में उत्साह की कोई कमी नहीं थी। इस दौरान सभी लोग दैवीय भावना से ओतप्रोत नजर आए।