क्या नासिक पुलिस ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री सहायता निधि में 5 लाख रुपए का योगदान दिया?

सारांश
Key Takeaways
- नासिक पुलिस ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 लाख रुपए का योगदान दिया।
- यह योगदान सामाजिक उत्तरदायित्व का एक उदाहरण है।
- मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना की है।
- आपदा प्रबंधन के लिए सरकारी मदद महत्वपूर्ण है।
- सभी नागरिकों को ऐसे समय में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।
नासिक, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के अनेक जिलों में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। ऐसे में, पुलिस ने लोगों की मदद के लिए कदम बढ़ाया है।
नासिक क्षेत्रीय पुलिस बल ने राज्य सरकार को पांच लाख रुपए की राशि सौंपी है। यह राशि शनिवार को नासिक पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के तहत प्रदान की गई।
ज्ञात हो कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर हाल में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों और पशुधन को व्यापक नुकसान हुआ है। इस कठिन समय में, नासिक ग्रामीण पुलिस बल ने न केवल विषम परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाई, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी परिचय दिया।
किसानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए और आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए नासिक ग्रामीण पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के स्वैच्छिक योगदान से यह निधि एकत्र की गई।
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने यह राशि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपी। मुख्यमंत्री ने नासिक ग्रामीण पुलिस बल की इस सामाजिक पहल और आपदा के समय में निभाई गई जिम्मेदारी की सराहना की। यह निधि राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उपयोग की जाएगी।
इससे पहले, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि सभी लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाना चाहिए। बाढ़ पीड़ितों को अभी भी मदद की आवश्यकता है। उन पर एक बड़ा संकट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा किसानों के साथ खड़े हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जो भी मदद होगी, किसानों को दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि वहां जाकर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा था कि हमारे मंत्री, सांसद और विधायकों ने अपने एक महीने का वेतन वहां के लोगों को देने का निर्णय लिया है। सभी को अपना-अपना योगदान देना चाहिए। अन्नदाताओं के साथ सरकार खड़ी है।