क्या चीन की सैन्य आक्रामकता ने नाथु ला के रास्ते व्यापार को प्रभावित किया है?

सारांश
Key Takeaways
- नाथु ला का बॉर्डर व्यापार 2020 से ठप है।
- चीनी आक्रामकता ने व्यापारिक संबंधों को प्रभावित किया है।
- लगभग 400 परिवार और 150 ड्राइवर्स आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
- बॉर्डर व्यापार फिर से शुरू करने के लिए सरकार से मांगें की जा रही हैं।
- टीबेटी व्यापारियों की स्थिति में सुधार की संभावना।
काठमांडू, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सिक्किम और तिब्बत के बीच व्यापार पर निर्भर लगभग 400 परिवार लंबे समय से सीमा के बंद होने के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इससे दोनों पक्षों के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
चीनी सेना की ओर से पूर्वी लद्दाख में द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के बाद 2020 में नाथु ला और अन्य दो मार्गों (उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला दर्रे) से होने वाला बॉर्डर व्यापार रुक गया था।
नेपाल के ऑनलाइन समाचार पोर्टल 'हमराकुरा' के अनुसार, आधिकारिक रूप से बॉर्डर व्यापार बंद करने की वजह कोरोना महामारी बताई गई है, लेकिन वास्तविकता यह है कि महामारी तो काफी पहले समाप्त हो गई, लेकिन व्यापार पिछले पांच वर्षों से ठप है। इसकी असली वजह सीमा पर चीन की आक्रामक गतिविधियां हैं, जिसकी शुरुआत 2017 में भूटान के डोकलाम पठार में घुसपैठ से हुई थी, जो नाथु ला के निकट है।
गंगटोक स्थित नाथु ला बॉर्डर ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव त्शेफेल तेनजिंग के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि सीमा पर चीन की बार-बार की आक्रामक हरकतों ने ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र के आम लोगों के लिए केवल कठिनाइयाँ और कष्ट ही बढ़ाए हैं। व्यापार बंद होने के कारण तिब्बती व्यापारी और श्रमिकों को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
जब व्यापार चालू था, तब तेनजिंग ने व्यापार मार्ट में तिब्बती व्यापारियों के साथ चर्चा की थी। बॉर्डर व्यापार शुरू होने के बाद से इन तिब्बतियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। नाथु ला सीमा व्यापार में शामिल अधिकांश तिब्बती श्रमिक ट्रोमो काउंटी से आते थे, जो पठार पर शिगात्से प्रीफेक्चर का हिस्सा है। केवल उन्हें ही भारत के शेराथांग स्थित व्यापार मार्ट तक आने की अनुमति थी, जबकि चीन के व्यापारी यहाँ नहीं आ सकते थे। नाथु ला व्यापार बंद होने से ट्रोमो काउंटी के तिब्बती व्यापारी और श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
बॉर्डर ट्रेड एसोसिएशन के अनुसार, प्रत्येक वर्ष सिक्किम के व्यापारियों को तिब्बती व्यापारियों के साथ कारोबार करने के लिए 400 ट्रेड पास जारी किए जाते थे। अब एसोसिएशन ने सिक्किम सरकार को पत्र लिखकर इन व्यापारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की ओर स्थित शेराथांग व्यापार मार्ट और तिब्बत की ओर स्थित रिनचेनपोंग तक गंगटोक से माल ढोने वाले लगभग 150 ड्राइवर्स को व्यापार बंद होने के बाद से आर्थिक नुकसान हो रहा है। इनमें से कुछ ने अब सिक्किम में टैक्सी और बसें चलाना शुरू कर दिया है।