क्या नेशनल हेराल्ड मामले में झारखंड में सियासत गरमाई?
सारांश
Key Takeaways
- नेशनल हेराल्ड मामला राजनीतिक विवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश बताया।
- भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया।
- अदालत ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया।
- भविष्य में इस मामले के और सियासी परिणाम हो सकते हैं।
रांची, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार किया है, जिसके बाद बुधवार को झारखंड में सियासत में गर्माहट आ गई है। कांग्रेस ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए इसे भाजपा के उच्च नेतृत्व की ओर से रची गई साजिश बताया और इसके विरोध में झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यालय का घेराव किया।
दूसरी ओर, भाजपा ने इसे कांग्रेस का भ्रम फैलाने का प्रयास करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हरमू स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि नेशनल हेराल्ड मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। प्रदर्शन में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विभिन्न विभागों के चेयरमैन, छात्र संगठन के नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने भाजपा कार्यालय के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। कांग्रेस नेताओं ने अदालत के आदेश को ‘सत्य की जीत’ बताते हुए कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपराध तभी साबित होता है जब सक्षम जांच एजेंसी द्वारा मूल अपराध (प्रेडिकेट ऑफेंस) दर्ज किया गया हो।
कांग्रेस का कहना है कि ईडी द्वारा बिना एफआईआर के की गई कार्रवाई कानूनसम्मत नहीं थी, जिसे अदालत ने संज्ञान में लिया है।
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस के प्रदर्शन को मानसिक दिवालियापन करार देते हुए कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने न तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्लीन चिट दी है और न ही मामले को खत्म किया है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ यह कहा है कि एफआईआर दर्ज न होने के आधार पर चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता है, जबकि मामला अभी भी विचाराधीन है और ट्रायल जारी रहेगा।
मरांडी ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामला शुद्ध रूप से धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
उन्होंने दावा किया कि इससे पहले भी कांग्रेस नेता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं, जहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली और अदालतों ने मामले को प्रथम दृष्टा गंभीर माना है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बैरिकेडिंग के बावजूद कांग्रेस नेताओं को भाजपा कार्यालय के गेट तक पहुंचने दिया गया, जो प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।