क्या कर्नाटक के मैसूर के योग नरसिम्हास्वामी मंदिर में नए साल पर विशेष तैयारी हो रही है?

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क्या कर्नाटक के मैसूर के योग नरसिम्हास्वामी मंदिर में नए साल पर विशेष तैयारी हो रही है?

सारांश

नए साल 2026 का स्वागत करने के लिए मैसूर के योग नरसिम्हास्वामी मंदिर में विशेष तैयारी चल रही है। यहां 2 लाख तिरुपति शैली के लड्डू भक्तों में बांटने की योजना है। जानें इस परंपरा के पीछे का इतिहास और इस वर्ष की तैयारियों के बारे में।

Key Takeaways

  • नए साल पर 2 लाख लड्डू का वितरण
  • विशेष भोग और सजावट की व्यवस्था
  • भक्तों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
  • 1994 से चल रही यह परंपरा
  • भक्तों को खुशी और आशीर्वाद प्रदान करने का उद्देश्य

मैसूर, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री योग नरसिम्हास्वामी मंदिर (विजयनगर प्रथम चरण) नए साल 2026 का स्वागत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। यहाँ तिरुपति शैली के 2 लाख लड्डू बांटने की तैयारी चल रही है, जो पिछले कई वर्षों की परंपरा का हिस्सा है।

मंदिर के संस्थापक और धर्माधिकारी भाष्यम स्वामीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 1 जनवरी 2026 को सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक भक्तों को लड्डू प्रसाद के रूप में वितरित किए जाएंगे। पिछले 10 दिनों से 100 कुशल शेफ दिन-रात काम कर रहे हैं। इस बार 10,000 बड़े लड्डू (प्रत्येक 2 किलो वजन के) और 2 लाख छोटे लड्डू (150 ग्राम वजन के) तैयार किए गए हैं।

लड्डू बनाने में उपयोग की जाने वाली सामग्री में 100 क्विंटल बेसन, 200 क्विंटल चीनी, 10,000 लीटर खाने का तेल, 500 किलो काजू, 500 किलो किशमिश, 250 किलो बादाम, 1,000 किलो डायमंड शुगर, 2,000 किलो बूरा चीनी, 50 किलो पिस्ता, 50 किलो इलायची, 50 किलो जायफल-जावित्री, 50 किलो कपूर और 200 किलो लौंग शामिल हैं। ये लड्डू तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू की तरह स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाले होंगे।

1 जनवरी को भगवान योग नरसिम्हास्वामी को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। साथ ही, शानदार सजावट होगी, जिसमें सुनहरे फूल, सहस्रनाम अर्चना (सौ नामों की पूजा) और उत्सव मूर्ति शामिल होंगे। भक्तों को लड्डू के साथ 50 क्विंटल पुलियोगारे प्रसाद भी वितरित किया जाएगा।

यह परंपरा 1994 में शुरू हुई, जब स्वर्गीय डॉ. राजकुमार और उनके परिवार ने मंदिर दर्शन के दौरान सुझाव दिया कि तिरुपति जाने में असमर्थ भक्तों के लिए यहाँ भी ऐसा प्रसाद उपलब्ध होना चाहिए। शुरू में 1,000 लड्डू से शुरुआत हुई, जो अब लाखों तक पहुँच गई है।

मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें सीसीटीवी, पुलिस बल, और अलग-अलग प्रवेश द्वार (महिलाओं, वरिष्ठों और दिव्यांगों के लिए) शामिल हैं। लड्डू की गुणवत्ता की भी जांच की गई है।

स्वामीजी ने कहा कि यह प्रसाद नए साल की शुरुआत में भक्तों को आशीर्वाद और खुशी प्रदान करता है। मंदिर में लाखों भक्तों के आने की उम्मीद है, जो मैसूर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूती प्रदान करता है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई को भी दर्शाती है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

कब से लड्डू बांटे जाएंगे?
लड्डू 1 जनवरी 2026 को सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक बांटे जाएंगे।
लड्डू बनाने में कौन-कौन सी सामग्री इस्तेमाल होती है?
लड्डू में 100 क्विंटल बेसन, 200 क्विंटल चीनी, 10,000 लीटर खाने का तेल, और अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।
यह परंपरा कब से चल रही है?
यह परंपरा 1994 से शुरू हुई थी।
लड्डू की गुणवत्ता की जांच कैसे की जाती है?
लड्डू की गुणवत्ता की जांच के लिए मंदिर में सुरक्षा उपायों के अंतर्गत सीसीटीवी और अन्य व्यवस्था की गई हैं।
कितने भक्तों के आने की उम्मीद है?
मंदिर में लाखों भक्तों के आने की उम्मीद है।
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