क्या बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन के 50 साल पूरे होने पर नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ?

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क्या बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन के 50 साल पूरे होने पर नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ?

सारांश

नई दिल्ली में बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन के 50 साल पूरे होने पर आयोजित सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के लिए बायोसिक्योरिटी पर विचार किया गया। भारत ने जैविक हथियारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्रीय ढांचे का प्रस्ताव रखा।

Key Takeaways

  • बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन की 50वीं वर्षगांठ मनाई गई।
  • ग्लोबल साउथ के लिए बायोसिक्योरिटी पर चर्चा हुई।
  • भारत ने जैविक हथियारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
  • नेशनल इम्प्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा गया।
  • ग्लोबल साउथ के देशों की मदद के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैविक हथियारों पर रोक लगाने वाले कन्वेंशन (बीडब्ल्यूसी) की 50वीं वर्षगांठ पर विदेश मंत्रालय ने सोमवार को नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

इसका मुख्य विषय है ‘बीडब्ल्यूसी के 50 साल: ग्लोबल साउथ के लिए बायोसिक्योरिटी को मजबूत करना’। सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के वैज्ञानिक, नीति-निर्माता, राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधि तथा भारतीय शिक्षाविद् और उद्योग जगत के लोग शामिल हुए।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत के नॉन-प्रोलिफरेशन रिकॉर्ड को दोहराया और बीडब्ल्यूसी को पूर्ण और प्रभावी ढंग से लागू करने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती विज्ञान-तकनीक ने जैविक हथियारों से जुड़ी नई चुनौतियां उत्पन्न की हैं, जिन पर मिलकर विचार करना होगा।

उन्होंने भारत के प्रस्तावित नेशनल इम्प्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क की जानकारी दी, जिसमें खतरे वाले जैविक एजेंट्स की पहचान, डुअल-यूज़ रिसर्च की निगरानी, घरेलू रिपोर्टिंग, आपात स्थिति प्रबंधन और निरंतर प्रशिक्षण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यूएनएससी रेजोल्यूशन 1540 के तहत भारत हर वर्ष आईटीईसी फेलोशिप और क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाता है, जो ग्लोबल साउथ के देशों की सहायता करता है।

डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि भारत “बायो-सिक्योर भारत” की परिकल्पना कर रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत और विजन 2047 के साथ वन हेल्थ, बायो-डिफेंस और बायो-इकोनॉमी को एकजुट करेगा। इसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के साथ मिलकर “बायो-सिक्योर वर्ल्ड” बनाना है।

प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रो. अजय कुमार सूद ने बताया कि भारत इंटीग्रेटेड नेशनल वन हेल्थ मिशन को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रहा है। यह एक समग्र-सरकार और समग्र-समाज ढांचा है, जो मानव, पशु, वन्यजीव और पर्यावरण की स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ता है।

संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल इज़ुमी नाकामित्सु ने वीडियो संदेश में भारत को सम्मेलन आयोजित करने और बीडब्ल्यूसी का लंबे समय से समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।

डॉ. जयशंकर ने सम्मेलन में प्रदर्शनी का दौरा किया, जिसमें डीआरडीओ, आईसीएमआर, सीएसआईआर, बायोटेक्नोलॉजी विभाग-बीआईआरएसी, पशुपालन विभाग और निजी कंपनियों ने भारत की बायो-सर्विलांस, डायग्नोस्टिक्स, वैक्सीन और डिजिटल तकनीक की क्षमताओं को प्रदर्शित किया। वैक्सीन मैत्री पहल के तहत महामारी के दौरान अन्य देशों को दी गई सहायता को भी विशेष रूप से पेश किया गया।

Point of View

बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहाँ वैश्विक समुदाय को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमें एक सुरक्षित और बायो-सिक्योर दुनिया के निर्माण के लिए मिलकर काम करना होगा।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

बायोलॉजिकल वेपन्स कन्वेंशन का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य जैविक हथियारों के प्रसार को रोकना और वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करना है।
इस सम्मेलन में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारत की क्या भूमिका है?
भारत ने जैविक हथियारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है और राष्ट्रीय ढांचे का प्रस्ताव रखा है।
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