क्या एक्यूआई ने बढ़ाई चिंता? एनसीआर में गाजियाबाद और नोएडा समेत दिल्ली के कई इलाके रेड जोन में शामिल

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क्या एक्यूआई ने बढ़ाई चिंता? एनसीआर में गाजियाबाद और नोएडा समेत दिल्ली के कई इलाके रेड जोन में शामिल

सारांश

एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के कई क्षेत्र गंभीर प्रदूषण की चपेट में हैं। विशेषज्ञों ने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। जानिए इस समस्या के पीछे के कारण और इससे निपटने के उपाय।

Key Takeaways

  • गाजियाबाद का एक्यूआई ३०१, 'बहुत खराब' श्रेणी में।
  • नोएडा और दिल्ली भी प्रदूषण की चपेट में।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: बाहरी गतिविधियों से बचें।
  • मास्क पहनें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • प्रदूषण का मुख्य कारण: हवा की धीमी गति और तापमान में गिरावट।

नोएडा, १७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर से चिंता का विषय बन चुका है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है। इसमें गाजियाबाद सबसे अधिक प्रदूषित शहर बना हुआ है, इसके बाद नोएडा और दिल्ली का स्थान है।

गाजियाबाद की स्थिति पर नजर डालें तो १७ अक्टूबर २०२५ की सुबह तक, यहां का एक्यूआई ३०१ तक पहुंच गया था, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़े और भी चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। लोनी इलाके में तो एक्यूआई ३५२ दर्ज किया गया, जो कि 'गंभीर' श्रेणी के काफी करीब है। वहीं, संजय नगर में २८८, इंदिरापुरम में २८० और वसुंधरा में २८४ एक्यूआई रहा।

अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह के आंकड़े दर्शाते हैं कि पीएम10 इस क्षेत्र में प्रमुख प्रदूषक रहा है। १६ अक्टूबर को पीएम10 का स्तर ३०७ तक पहुंच गया था, जबकि १५ अक्टूबर को २५४ और १४ अक्टूबर को २६१ दर्ज किया गया। नोएडा की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं रही। यहां के सेक्टर-१२५ में एक्यूआई ३३७ दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। सेक्टर-११६ में २६९, सेक्टर-१ में २५७ और सेक्टर-६२ में २१८ एक्यूआई रहा। दिल्ली में भी स्थिति नाजुक बनी हुई है।

आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार इलाका सबसे प्रदूषित पाया गया, जहां एक्यूआई ३६५ दर्ज किया गया। यह स्तर 'गंभीर' श्रेणी में आता है। वहीं, वजीरपुर में ३३३, बवाना में ३०६ और मुंडका में २८३ एक्यूआई रहा। इससे स्पष्ट है कि दिल्ली के कई इलाके भी 'बहुत खराब' से लेकर 'गंभीर' श्रेणी की हवा में लोग सांस ले रहे हैं। मौसम विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की रफ्तार धीमी होने और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा हो रहे हैं। इस समय हवा की दिशा और गति प्रदूषकों को फैलाने के अनुकूल नहीं है।

विशेषज्ञों ने नागरिकों से सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें, खासकर सांस के मरीज और बुजुर्गों के लिए। साथ ही, मास्क पहनने और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल की भी सलाह दी जा रही है।

Point of View

बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

एक्यूआई क्या है?
एक्यूआई का मतलब वायु गुणवत्ता सूचकांक है, जो वायु की गुणवत्ता का मापने का एक तरीका है।
गाजियाबाद में एक्यूआई का स्तर क्या है?
गाजियाबाद में एक्यूआई ३०१ तक पहुंच चुका है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।
प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय हैं?
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें और मास्क पहनें।
दिल्ली में सबसे प्रदूषित क्षेत्र कौन सा है?
दिल्ली में आनंद विहार सबसे प्रदूषित क्षेत्र पाया गया है, जहां एक्यूआई ३६५ दर्ज किया गया।
क्या पीएम10 स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है?
जी हाँ, पीएम10 स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।