क्या सीधी के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी है?

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क्या सीधी के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी है?

सारांश

सीधी के जिला अस्पताल में 7 करोड़ के स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद पर उठे सवाल। क्या यह सियासत का नया मोड़ है? जानिए क्या है पूरा मामला और इसके राजनीतिक प्रभाव।

Key Takeaways

  • सीधी के अस्पताल में 7 करोड़ के स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद पर सवाल उठे हैं।
  • राजनीतिक हलचलें इस विवाद को बढ़ा रही हैं।
  • उपमुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को स्वीकार किया है।

सीधी, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की राजनीति इस समय सीधी के जिला अस्पताल के मुद्दे पर गर्मागर्म हो रही है। यह मामला केवल अस्पताल की व्यवस्था का नहीं है, बल्कि 7 करोड़ रुपए के स्वास्थ्य उपकरण बजट का भी है, जो अब जिले की सियासत का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है।

दरअसल, शुक्रवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला सीधी जिले का दौरा करने आए थे। उनका मुख्य उद्देश्य था जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का अवलोकन करना और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर चर्चा करना।

निरीक्षण के दौरान राजनीतिक स्थिति में गर्माहट आ गई। उपमुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और सांसद डॉ. राजेश मिश्रा एवं विधायक रीति पाठक की उपस्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की। इसी बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि सीधी को मेडिकल कॉलेज नहीं मिलेगा, लेकिन जिला अस्पताल को नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति दी जा सकती है।

लेकिन इसके बाद असली विवाद तब शुरू हुआ जब विधायक रीति पाठक ने सवाल उठाया कि 7 करोड़ रुपए की राशि से जो स्वास्थ्य उपकरण खरीदे गए थे, वे अस्पताल में क्यों नहीं दिख रहे हैं?

उन्होंने उपमुख्यमंत्री के सामने भौतिक सत्यापन की मांग की। विधायक का कहना था कि कागजों पर करोड़ों के उपकरण खरीदे जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में उनका कोई पता नहीं है। यह जनता के साथ एक धोखा है और इसकी जांच की आवश्यकता है।

उपमुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बजट और उपकरणों की सूची को स्वीकार करते हुए क्रॉस चेक कराने की बात कही। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों से पूरे बजट के उपयोग का विवरण और भौतिक रिपोर्ट मांगी है।

स्थानीय राजनीतिक हलकों में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। लोग कह रहे हैं कि सीधी जिला अस्पताल अब एक 'रेफर सेंटर' में बदल चुका है, जहाँ मरीजों को प्राथमिक उपचार के बजाय रीवा या जबलपुर भेज दिया जाता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद अब केवल स्वास्थ्य विभाग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आने वाले समय में सीधी की राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।

उपमुख्यमंत्री को प्रशासनिक जवाबदेही और सुधार के लिए जाना जाता है। मामले की सच्चाई जल्दी सामने आने की उम्मीद है।

Point of View

बल्कि स्थानीय नागरिकों के विश्वास को भी हानि पहुँचाता है। सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जनता का स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
NationPress
17/10/2025

Frequently Asked Questions

सीधी के अस्पताल में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी क्यों है?
सीधी के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी की शिकायत विधायक रीति पाठक ने की है, जिन्होंने इसे जनता के साथ धोखा बताया है।
उपमुख्यमंत्री ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
उपमुख्यमंत्री ने बजट और उपकरणों की सूची को स्वीकार करते हुए क्रॉस चेक कराने का आश्वासन दिया है।