क्या एनडीए 23 अगस्त से विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी; प्रमुख नेता होंगे शामिल?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए 23 अगस्त से कार्यकर्ता सम्मेलन की शुरुआत करेगा।
- पहले चरण में 42 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन होगा।
- कार्यक्रम के दौरान बिहार की विकास यात्रा को प्रस्तुत किया जाएगा।
पटना, १७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इसे लेकर दोनों गठबंधन अब सक्रिय हो गए हैं। इंडी गठबंधन की जहां आज से वोटर अधिकार यात्रा आरंभ हो रही है, वहीं एनडीए विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने घोषणा की कि एनडीए २३ अगस्त से पूरे बिहार में विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में ४२ विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सात चरणों में सभी २४३ विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन संपन्न होगा। यह कार्यक्रम २३ अगस्त से प्रारंभ होकर लगभग एक महीने तक चलेगा। उन्होंने बताया कि एक दिन में लगभग १४ सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस सम्मेलन में एनडीए के सभी नेता उपस्थित रहेंगे। सभी नेता अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में बिहार के विकास की गाथा को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। जिस प्रकार बिहार में सरकार ने काम किया है, उसकी उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान ‘सुशासन आपके द्वारा’ के तहत आज एनडीए की ओर से जदयू कार्यालय से रथ रवाना किया गया।
इस रथ में जनता दल यूनाइटेड की कई महिलाएं सवार थीं। इस प्रेस वार्ता में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, हम के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार और रालोमो के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी ने मीडिया को संबोधित किया।
दूसरी ओर, इस प्रेस वार्ता में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने इंडिया ब्लॉक के वोटर अधिकार यात्रा को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की जोड़ी को 'पप्पू' और 'टप्पू' बताया। उन्होंने कहा कि ये दोनों युवा पार्टी को बचाने के अभियान में निकले हैं। उन्होंने कहा कि एक ने अपने नेतृत्व में ९० चुनाव हार चुके हैं और दूसरे न पढ़ाई में सफल रहे, न क्रिकेट में। जनता ने इन दोनों युवराजों को स्थायी रूप से घर बैठा दिया है।
उन्होंने बिना राहुल गांधी का नाम लिए कहा कि उन्हें याद होना चाहिए कि उनकी दादी के समय में इमरजेंसी लगाई गई थी और राजद के युवराज की पार्टी के शासनकाल में बंदूक की नोक पर वोट लिया जाता था। अब ये दोनों नेता जो वोट छीनने वाले हैं, आज वोट के अधिकार की बात कर रहे हैं।