क्या एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर ‘ऑल इज वेल’ है?: राजीव रंजन

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है।
- राजीव रंजन का मानना है कि बिहार की जनता एनडीए को समर्थन देगी।
- असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री पर जदयू का दृष्टिकोण सकारात्मक है।
- महागठबंधन का असंतोष चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
- पीएम मोदी के कार्यकाल की प्रशंसा की गई।
पटना, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान असंतुष्ट हैं। इस संबंध में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता राजीव रंजन ने कहा कि सीट शेयरिंग में हर दल की अपनी अपेक्षाएं होती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई समस्या नहीं है और इसमें कोई असमंजस नहीं है।
जदयू नेता राजीव रंजन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बहुत जल्दी सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। यह स्पष्ट है कि किस पार्टी को कितनी और कौन सी सीटें मिलेंगी। बिहार की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को प्रचंड जनादेश देने के लिए तैयार है। सभी दल नीतीश कुमार को अपना अभिभावक मानते हैं।
बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री पर जदयू नेता ने कहा कि बिहार में कई दल चुनाव लड़ते हैं। सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह जनता तय करेगी कि किसे क्या मिलेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाएगी और महागठबंधन को पीछे छोड़ देगी।
महागठबंधन में सीएम फेस के लिए चल रही खींचतान पर जदयू नेता ने कहा कि कांग्रेस को पता है कि उनकी सरकार बनने वाली नहीं है। वीआईपी और अन्य दल बड़ी संख्या में सीटों की मांग कर रहे हैं, जो महागठबंधन पर असर डालेगा। इसका असर चुनावी नतीजों पर देखने को मिलेगा।
पीएम मोदी के राजनीतिक करियर के २४ साल पूरे होने पर उन्होंने जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह पीएम मोदी के कर्मयोगी जीवन के शानदार २४ वर्ष हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 'गुजरात मॉडल' को देश के सामने पेश किया और औद्योगीकरण की मिसाल कायम की। पिछले ११ वर्षों में उन्होंने देश का कायाकल्प किया।
उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारतीय कूटनीति ने विश्व स्तर पर अपनी धाक जमाई है। उद्योग-धंधे, खेती-किसानी और किसानों की माली हालत में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। वैश्विक चुनौतियों के बीच रूस, अमेरिका, चीन, ब्राजील जैसे देशों के साथ भारत के रिश्तों की गर्माहट बनाए रखना एक मिसाल है। हमारी शुभकामनाएं हैं कि पीएम मोदी अगले २५ वर्षों तक भारत का मार्गदर्शन करते रहें।