क्या सीएम हेमंत के गांव की तस्वीर आठ दिन में बदली?

सारांश
Key Takeaways
- नेमरा गांव की सुविधाओं में सुधार किया गया है।
- चार हेलीपैड बनाए गए हैं।
- गांव में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।
- गुरुजी के श्राद्ध कर्म की तैयारी चल रही है।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गांव में उपस्थित हैं।
रांची, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित नेमरा गांव, जो झारखंड आंदोलन के नेता शिबू सोरेन का गांव है और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गृह स्थान है, अब तक अन्य गांवों की तरह ही था।
हालांकि, पिछले आठ दिनों में, गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। पहले पक्की सड़क से जुड़ा यह गांव अब बेहतरीन सड़क के साथ और भी सुसज्जित हो चुका है। बिजली और मोबाइल नेटवर्क की सुविधाएं भी अब पूरी तरह से दुरुस्त हैं।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त को नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ था। इसके अगले दिन, 5 अगस्त को गांव में उनके अंतिम संस्कार का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुखाग्नि दी। तब से सीएम सोरेन पूरे परिवार के साथ गांव में उपस्थित हैं। गांव में गुरुजी के श्राद्ध कर्म की तैयारियां चल रही हैं। 15 अगस्त को दशकर्म और 16 अगस्त को संस्कार भोज का आयोजन होगा।
इस कार्यक्रम के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता, कांग्रेस अध्यक्ष, कई मुख्यमंत्रियों और अन्य विशिष्ट हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। उम्मीद है कि लाखों श्रद्धालु गुरुजी को श्रद्धांजलि देने आएंगे।
इसी संदर्भ में गांव में व्यापक तैयारियां चल रही हैं। वीआईपी अतिथि हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे, जिसके लिए गांव में चार हेलीपैड बनाए गए हैं। इनमें से तीन घर के पास और एक लुकईयाटांड़ रोड पर है। व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें एक दर्जन से अधिक आईएएस-आईपीएस और 40 डीएसपी शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद रखा गया है।
गुरुजी के पैतृक घर के आसपास 300 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर दी गई है, जहां केवल वीआईपी और करीबी लोग जा सकेंगे। पार्किंग व्यवस्था को भी बेहतर बनाया गया है। मुख्य पार्किंग लुकईयाटांड़ के पास तीन किलोमीटर दूर है, जबकि वीआईपी के लिए एक किलोमीटर दूर पार्किंग बनाई गई है। आम लोगों की गाड़ियां मुख्य पार्किंग में रहेंगी और वहां से 300 ई-रिक्शा पंडाल तक ले जाएंगे। पांच बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें से एक वीआईपी पंडाल है। चार स्थानों पर गुरुजी की तस्वीरें लगाई गई हैं, जहां श्रद्धालु पुष्प अर्पित करेंगे।