क्या 'एनएचएआई' अत्याधुनिक शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म के साथ हाईवे यूजर एक्सपीरिएंस बढ़ा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा और सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए एनएचएआई का प्रयास।
- रियल टाइम में शिकायत निवारण की प्रगति की ट्रैकिंग।
- ड्रोन तकनीक का प्रयोग सड़क की गुणवत्ता की निगरानी के लिए।
- सुविधाजनक मोबाइल एप्लिकेशन और टोल फ्री नंबर का उपयोग।
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए उचित प्रक्रिया।
गांधीनगर, १५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने हाईवे से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए व्यापक प्रणाली लागू की है, ताकि सड़क मार्गों से यात्रा करने वाले लोगों (रोड यूजर्स) की सुरक्षा, सेवाओं की गुणवत्ता और सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके।
एनएचएआई ने रोड यूजर्स की शिकायतों के समाधान के लिए सुधारात्मक प्लेटफॉर्म स्थापित किए हैं। इन प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक अपनी समस्याओं को साझा कर सकते हैं, सहायता प्राप्त कर सकते हैं और रीयल टाइम में शिकायतों के समाधान की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं। इससे नेशनल हाईवे के संचालन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को और मजबूत किया जा रहा है।
हाल ही में, सड़क-मार्ग संबंधी समस्याओं का त्वरित और कार्यकारी समाधान लाने के लिए एनएचएआई द्वारा छह मुख्य प्लेटफॉर्म संचालित किए जा रहे हैं। इनमें टोल फ्री नंबर १०३३, राजमार्ग मोबाइल एप्लिकेशन, सार्वजनिक शिकायत के लिए पोर्टल, ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम, एनएचआई वन मोबाइल ऐप और टोल इनफॉर्मेशन सिस्टम प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
१०३३ चौबीस घंटे और सातों दिन (२४x७) सेवा में उपलब्ध टोल फ्री नंबर है, जो हाईवे यूजर्स को दुर्घटनाओं, सड़क पर गड्ढों या अन्य टोल संबंधी समस्याओं जैसी आपात स्थिति की जानकारी देने की सुविधा प्रदान करता है। हाईवे यूजर्स की शिकायतों को केंद्रीकृत तरीके से दर्ज किया जाता है और फिर संबंधित फील्ड एजेंसियों को भेजा जाता है, जिसमें प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू), कन्सेशनेयर्स तथा इंसिडेंट मैनेजमेंट टीमें शामिल हैं। समय पर क्षेत्रीय कार्यवाही के बाद अनुपालन की रिपोर्टिंग की जाती है। इसके बाद शिकायत का निवारण किया जाता है और शिकायतकर्ता को स्थिति के बारे में अपडेट किया जाता है।
राजमार्ग मोबाइल एप्लिकेशन एक नागरिक-केंद्रित एप्लिकेशन है, जो शिकायतें दर्ज कराने, टोल और यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करने तथा निकटतम अस्पताल या पुलिस थाने की जानकारी प्राप्त करने के लिए यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करता है। नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले यूजर्स जियो-टैगिंग के माध्यम से समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। विभिन्न विकल्प, जैसे कि शिकायतों की रीयल टाइम फॉरवर्डिंग, फील्ड लेवल रिस्पॉन्स, निपटान संबंधी सूचनाएं और यूजर्स के फीडबैक सिस्टम में अंतर्निहित हैं।
सार्वजनिक शिकायत के लिए 'पीजी पोर्टल डॉट गॉव डॉट इन' के माध्यम से एनएचएआई या सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का चुनाव कर सुव्यवस्थित शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। यह पोर्टल आगे की कार्रवाई के लिए शिकायतों को उचित पीआईयू या क्षेत्रीय कार्यालयों को भेज देता है। निवारण संबंधी विवरण और फीडबैक के विकल्प पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं, जबकि अनसुलझी शिकायतों को आगे बढ़ाया जा सकता है।
ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा सड़क-मार्गों की सतह पर खामियों और निर्माण गुणवत्ता में खामियों की सक्रिय पहचान के लिए एनएचएआई ने ड्रोन-आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग शुरू की है। इससे सार्वजनिक सुरक्षा या सुविधा प्रभावित होने से पहले समस्याओं का समाधान लाने में मदद मिलती है।
एनएचएआई वन मोबाइल ऐप आंतरिक मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ठेकेदारों और फील्ड इंजीनियरों को खामियों का डॉक्यूमेंटेशन करने, निरीक्षण करने, कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट्स सबमिट करने एवं एक्सटेंशन की विनती या मंजूरी देने में सक्षम बनाता है। यह प्लेटफॉर्म हाईवे के रखरखाव और उसके संचालन के लिए सुव्यवस्थित संचार और ट्रैकिंग सुनिश्चित करता है।
टोल इनफॉर्मेशन सिस्टम (टीआईएस), टीआईएस पोर्टल ('टीआईएस डॉट एनएचएआई डॉट गॉव डॉट इन') तत्काल शिकायत समाधान या आपात स्थिति में सहायता के लिए टोल फ्री नंबर का विवरण, मार्ग की जानकारी और फील्ड लेवल अधिकारियों और टोल प्रबंधकों के संपर्क नंबर प्रदान करता है।
एनएचएआई का यह एकीकृत दृष्टिकोण भारत के विस्तारित हाईवे नेटवर्क पर रोड यूजर्स के अनुभव को बढ़ाने के लिए तेज, डेटा-आधारित प्रतिक्रिया तंत्र सुनिश्चित करता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपनी सेवा वितरण विधियों में निरंतर नवाचार करता है, जिससे प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित, विश्वसनीय और पारदर्शी सड़क बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो सके।