क्या सीबीआई अदालत ने एनएचएआई के पूर्व प्रबंधक को चार साल की कैद की सजा सुनाई?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने सुरेंद्र कुमार सोनी के खिलाफ मजबूत सबूत पेश किए।
- आय से अधिक संपत्ति का मामला सरकारी कर्मचारियों के लिए गंभीर है।
- अदालत ने सजाओं की सख्ती का संकेत दिया है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
- नागरिकों को सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
जोधपुर, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), चित्तौड़गढ़, राजस्थान के पूर्व प्रबंधक (तकनीकी) सुरेंद्र कुमार सोनी को चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है। यह निर्णय जोधपुर की सीबीआई अदालत ने सुनाया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 30 जुलाई 2013 को राजस्थान के चितौड़गढ़ स्थित एनएचएआई के तत्कालीन प्रबंधक सुरेंद्र कुमार सोनी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।
सीबीआई ने इस मामले की गहन जांच की। जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 18 दिसंबर 2014 को आरोपी के खिलाफ सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, जोधपुर की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि आरोपी के पास उसकी ज्ञात आय से 116 प्रतिशत अधिक संपत्ति थी। इस मामले में अदालत ने 14 जुलाई 2025 को आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने सुरेंद्र कुमार सोनी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की कैद की सजा सुनाई और 41,65,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।