क्या एनएचआरसी ने सरकारी अस्पताल में लड़की के इलाज से मना करने पर स्वतः संज्ञान लिया?

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क्या एनएचआरसी ने सरकारी अस्पताल में लड़की के इलाज से मना करने पर स्वतः संज्ञान लिया?

सारांश

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लखनऊ के सरकारी अस्पताल में बीमार लड़की के इलाज में हुई लापरवाही पर संज्ञान लिया है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन होने का गंभीर मामला है। जानें पूरी जानकारी में क्या हुआ और आयोग ने क्या कदम उठाए हैं।

Key Takeaways

  • एनएचआरसी का स्वतः संज्ञान लेना महत्वपूर्ण है।
  • सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उचित सेवा मिलनी चाहिए।
  • मानवाधिकारों का उल्लंघन गंभीर मामला है।
  • समाज में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है।
  • इस प्रकार के मामलों में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।

नई दिल्ली, २२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक सरकारी अस्पताल में एक बीमार लड़की का इलाज न करने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर दो सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि लखनऊ में एक बीमार लड़की के माता-पिता को उसे एक निजी अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने लगातार दो घंटे तक अनुरोध करने के बावजूद उसका इलाज नहीं किया। जब लड़की की स्थिति गंभीर हो गई, तो उसके पिता ने उसे बाइक से निजी अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, जबकि सरकारी अस्पताल ने उसे एम्बुलेंस भी नहीं दी।

आयोग ने कहा कि यदि यह रिपोर्ट सत्य है, तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसलिए, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दिया गया है कि वे बीमार लड़की की स्वास्थ्य स्थिति सहित एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

गौरतलब है कि १४ अगस्त को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवार सितापुर जिले के अपने गांव से लखनऊ के बक्शी का तालाब (बीकेटी) क्षेत्र स्थित सरकारी रामसागर मिश्रा सौ-शय्या संयुक्त अस्पताल में पीलिया से पीड़ित लड़की का इलाज कराने पहुंचे थे।

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं का समान और उचित अधिकार मिले। एनएचआरसी का यह कदम एक आवश्यक पहल है, जो हमें मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करता है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई से ही समाज में विश्वास और सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

एनएचआरसी क्या है?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है, जो मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं की जांच करता है।
इस मामले में एनएचआरसी ने क्या कदम उठाया?
एनएचआरसी ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
लड़की को सरकारी अस्पताल में इलाज क्यों नहीं मिला?
सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने लगातार अनुरोध करने के बावजूद बीमार लड़की का इलाज नहीं किया।
क्या यह मामला मानवाधिकारों का उल्लंघन है?
यदि रिपोर्ट सही है, तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और एनएचआरसी ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया है।
पीड़ित परिवार ने क्या किया?
पीड़ित परिवार को मजबूरन लड़की को निजी अस्पताल ले जाना पड़ा।