क्या पंजाब के पूर्व मंत्री के घर पर ग्रेनेड हमला मामला एनआईए की जांच में आया है?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने पिछले साल के ग्रेनेड हमले की जांच शुरू की है।
- छापेमारी में मोबाइल और दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
- संदिग्धों में कुलबीर सिद्धू और मनीष उर्फ काका राणा शामिल हैं।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले वर्ष पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के निवास पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में गुरुवार को तीन राज्यों में छापेमारी की। ये छापेमारी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर की गई। इस दौरान जांच एजेंसी ने मोबाइल/डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री जब्त की।
तलाशी लगभग 18 स्थानों पर ली गई, जिनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के कार्यकर्ता कुलबीर सिद्धू, अमेरिका स्थित गैंगस्टर मनीष उर्फ काका राणा से जुड़े प्रमुख संदिग्धों के परिसर और भारत तथा विभिन्न अन्य देशों में स्थित उनके नेटवर्क शामिल हैं।
एनआईए ने एक बयान में कहा, "हरियाणा के यमुनानगर का रहने वाला कुलबीर सिद्धू वर्तमान में जर्मनी में है और वह घोषित आतंकवादी और पाकिस्तान स्थित बीकेआई प्रमुख वधावा सिंह बब्बर का प्रमुख सहयोगी है। सिद्धू अप्रैल 2024 में पंजाब में वीएचपी नेता विकास प्रभाकर की हत्या का भी आरोपी है।"
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तीन राज्यों के कई स्थानों पर निगरानी रखी। इनमें पंजाब के होशियारपुर, एसबीएस नगर, जालंधर, गुरदासपुर, तरनतारन और मानसा जिले शामिल हैं। इसके अलावा, हरियाणा में एनआईए की टीमों ने कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल और अंबाला जिलों में छापेमारी की। वहीं, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में भी व्यापक तलाशी ली गई।
यह उल्लेखनीय है कि जालंधर में भाजपा नेता के घर पर ग्रेनेड हमला कथित तौर पर 7 अप्रैल, 2024 को बीकेआई के गुर्गों द्वारा किया गया था। प्रारंभिक पुलिस जांच से पता चला है कि पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा साजिश रची गई थी।
ग्रेनेड हमले के पीछे मुख्य आरोपी माने जाने वाले सैदुल अमीन नामक व्यक्ति को पंजाब पुलिस ने कुछ दिनों बाद 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया।
जांच में अधिक प्रगति न होने और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस वर्ष पूर्व भाजपा विधायक के आवास पर ग्रेनेड हमले की जांच एनआईए को सौंप दी गई।