क्या एनआईए ने भाकपा (माओवादी) पर रोहतक में तलाशी ली?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने रोहतक में एक संदिग्ध के घर पर छापा मारा।
- भाकपा (माओवादी) के प्रभाव को रोकने के प्रयास जारी हैं।
- तलाशी में मोबाइल फोन और दस्तावेज बरामद हुए।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को हरियाणा के रोहतक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संदिग्ध के किराए के मकान की तलाशी की। यह कार्रवाई भाकपा (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्र ब्यूरो (एनआरबी) में अपने प्रभाव को पुनर्जीवित करने के प्रयासों से संबंधित है।
संदिग्ध नरेश के घर से दो मोबाइल फोन और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
जांच में नरेश की पहचान छात्र एकता मंच (सीईएम) के पूर्व सदस्य और आरसी-01/2023/एनआईए/एलकेडब्ल्यू मामले में आरोपी प्रियांशु कश्यप के करीबी सहयोगी के रूप में की गई है। यह आरोप लगाया गया है कि प्रियांशु कश्यप अक्सर उक्त परिसर में आते-जाते थे, जहां वे संगठन के भूमिगत कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करते थे।
यह संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति को फिर से स्थापित करने के लिए लगातार कार्यरत है, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। इस मामले की जांच अभी भी जारी है।
गौरतलब है कि एनआईए ने पिछले महीने प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) नक्सली संगठन द्वारा उत्तरी राज्यों में अपने प्रभाव को फिर से बढ़ाने के संबंध में एक अन्य आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
जिस आरोपी का नाम विशाल सिंह उर्फ सूरज है, वह मथुरा (उत्तर प्रदेश) का निवासी है। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 20, 38 और 39 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।
विशाल आरसी-01/2023/एनआईए-एलकेडब्ल्यू मामले में आरोप पत्र दायर करने वाला दूसरा आरोपी है।
एनआईए ने फरवरी में आरोपी अजय सिंघल उर्फ अमन के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया था, जो सीपीआई (माओवादी) के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा एनआरबी राज्यों में संगठन को पुनः सक्रिय करने के सुनियोजित प्रयासों से संबंधित था।