क्या निशिकांत दुबे ने मराठियों का अपमान किया? सुदाम कोंबडे की माफी की मांग

सारांश
Key Takeaways
- सुदाम कोंबडे ने निशिकांत दुबे को मानहानि का नोटिस भेजा।
- दुबे के बयान से मराठी समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं।
- कोंबडे ने माफी न मांगने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
- मनसे ऐसे बयानों के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।
- मराठी अस्मिता के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
नासिक, ५ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नासिक शाखा के अध्यक्ष सुदाम कोंबडे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे को मानहानि का नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस मराठी भाषियों के खिलाफ एक विशेष समुदाय को लक्ष्य बनाकर दिए गए उनके अत्यंत आपत्तिजनक, विभाजनकारी, अपमानजनक और घृणास्पद बयानों के लिए भेजा गया है।
सुदाम कोंबडे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि निशिकांत दुबे ने कहा था कि मराठी लोगों को पटकर मारेंगे और यह भी कहा कि महाराष्ट्र उनके टुकड़े पर पलता है। इस प्रकार के बयानों से मराठी भाषियों का अपमान हुआ है और इससे महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं। उन्होंने निशिकांत दुबे से लिखित में सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कोंबडे ने कहा कि यदि कोई मराठी अस्मिता और स्वाभिमान पर प्रहार करेगा, तो मनसे उसका कड़ा जवाब देगी। हम कानून के आधार पर ऐसे बयानों के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि दुबे को नासिक में आने दें, हम खबर लेंगे।
सुदाम कोंबडे के वकील मनोज पिंगले ने बताया कि सुदाम की तरफ से डॉ. निशिकांत दुबे को मानहानि का नोटिस भेजा गया था। इस नोटिस में उनसे १५ दिनों के भीतर माफी मांगने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। पिंगले ने कहा कि निशिकांत दुबे के बयानों से मराठी समुदाय का अपमान हुआ है और जांच के बाद उन्हें नासिक आकर अपने बयानों का जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि मराठी अस्मिता और स्वाभिमान पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।