क्या एनआईटी सिलचर में बांग्लादेशी छात्रों की हिंसा के बाद उन्हें निलंबित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- निलंबन के बाद छात्रों को घर भेजा गया।
- हिंसा में छात्रों की संलिप्तता साबित हुई।
- मादक पदार्थों का सेवन भी एक मुद्दा था।
- संस्थान ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
- पुलिस को शामिल करने की जरूरत नहीं पाई गई।
गुवाहाटी, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के सिलचर में स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से निलंबित किए गए पांच बांग्लादेशी छात्रों को उनके घर भेज दिया गया है।
ये सभी तीसरे वर्ष के छात्र हैं, जिनके पास से मादक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. दिलीप कुमार बैद्य ने पुष्टि की है कि इन छात्रों को दो सेमेस्टर के लिए निलंबित किया गया है।
एनआईटी के निदेशक दिलीप कुमार बैद्य ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "हमने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की छात्रवृत्ति के तहत पढ़ाई कर रहे पांच बांग्लादेशी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन छात्रों को सितंबर की शुरुआत में परिसर में हुई हिंसक झड़पों में शामिल पाया गया। निलंबन के बाद, पांचों छात्रों को बांग्लादेश में उनके घर वापस भेज दिया गया, क्योंकि वे अब यहां कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे।"
बैद्य ने कहा, "हिंसा में इन छात्रों की संलिप्तता साबित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। उन्हें एक वर्ष के लिए निलंबित करने के साथ छात्रावास से निकाल दिया गया है। ऐसे में वह यहां अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सकते, इसलिए उन्हें वापस उनके घर भेज दिया गया है।"
8 सितंबर की रात बांग्लादेशी छात्रों के एक समूह ने कथित तौर पर अपने ही साथियों पर हमला किया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कथित तौर पर नशे में धुत रॉड, चाकू और पेचकस से लैस इन आरोपियों ने काफी उत्पात मचाया, जिससे कई छात्र घायल हो गए।
छात्रों के अनुसार, हमलावरों ने पहले अपने ही बैच के साथियों को निशाना बनाया। जब सीनियर स्टूडेंट्स ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो उन पर भी हमला किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि इस दौरान जानबूझकर लाइटें बंद कर दी गई थीं।
यह हमला करीब आधे घंटे तक चला। इस हमले में दो छात्रों को सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) में भर्ती कराया गया।
स्टूडेंट वेलफेयर के डीन एसएस धर ने बताया है कि आरोपियों के कमरों से नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "अनुशासनात्मक कार्रवाई का मुख्य कारण परिसर में हुई हिंसा थी, लेकिन इस मामले में संदिग्ध नशीले पदार्थों के सेवन पर भी विचार किया गया है। हम मामले की जांच और उठाए गए अनुशासनात्मक कदमों से संतुष्ट हैं। आईसीसीआर के निदेशक भी इससे आश्वस्त थे, इसलिए मामले में पुलिस को शामिल करने की कोई जरूरत नहीं थी।"