क्या नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन दिसंबर में शुरू होगा? : अवनीश अवस्थी
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिसंबर में परिचालन शुरू कर सकता है।
- इस एयरपोर्ट के खुलने से दिल्ली-एनसीआर में हवाई यातायात बढ़ेगा।
- पहले चरण में १.२ करोड़ यात्रियों की वार्षिक क्षमता है।
- एयरपोर्ट का रनवे कैट-III मानक के अनुरूप है।
- २०५० तक एयरपोर्ट में छह रनवे होंगे।
लखनऊ, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जेवर में स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानें दिसंबर में संभवतः प्रारंभ हो सकती हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सलाहकार और वरिष्ठ आईएएस अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को साझा की।
उन्होंने बताया कि एशिया का सबसे बड़ा नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिसंबर में अपना परिचालन आरंभ कर सकता है।
इस हवाई अड्डे के खुलने से दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों के लिए हवाई यात्रा में आसानी होगी। साथ ही, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यातायात का दबाव भी कम होगा। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवाई संपर्क में वृद्धि होगी। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि इस वर्ष के अंत तक व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में हो रहा है। पहले चरण में, एक रनवे और एक यात्री टर्मिनल का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसकी वार्षिक क्षमता १.२ करोड़ यात्रियों को संभालने की है। वर्तमान में, टेक्निकल इंस्टॉलेशन, फिनिशिंग टच और डीप क्लिनिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य चल रहे हैं।
उड़ानें शुरू होने के बाद सुचारू संचालन के लिए एक व्यापक ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ओआरएटी) कार्यक्रम भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि निर्माण और तैयारी की जांच पूरी होने के बाद, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) एयरपोर्ट को लाइसेंस जारी करेगा।
केवल इस नियामक मंजूरी के बाद ही व्यावसायिक संचालन शुरू हो सकेगा।
एयरपोर्ट का रनवे कैट-III मानकों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सर्दी के कोहरे जैसी कम दृश्यता वाली स्थितियों में भी उड़ानों का संचालन कर सकेगा। यह उत्तर भारत के यात्रियों के लिए बड़ी राहत है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) ने पहले ही इंडिगो को अपने लॉन्च वाहक के रूप में पुष्टि की है। अकासा एयर ने भी जेवर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने की योजना बनाई है, जबकि कई अन्य अंतरराष्ट्रीय वाहकों के साथ बातचीत चल रही है।
जब एयरपोर्ट २०५० तक पूरा होगा, तो इसमें छह रनवे होंगे और यह भारत का सबसे बड़ा विमानन केंद्र बनेगा, जिससे यात्री आवागमन और कार्गो क्षमता दोनों में वृद्धि होगी। यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बदलने और उत्तर प्रदेश में व्यापार, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।