क्या देहरादून से गिरफ्तार हुआ आरोपी फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के जरिए 80.60 लाख रुपए की ठगी में शामिल था?

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क्या देहरादून से गिरफ्तार हुआ आरोपी फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के जरिए 80.60 लाख रुपए की ठगी में शामिल था?

सारांश

नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के जरिए 80.60 लाख रुपए की ठगी करने वाले आशीष पाल को गिरफ्तार किया है। क्या यह गिरफ्तारी साइबर ठगी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है? जानिए इस ठगी के पीछे की पूरी कहानी और सावधानियों के बारे में।

Key Takeaways

  • साइबर ठगी की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं।
  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर तुरंत रिपोर्ट करें।
  • सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से सावधान रहें।
  • सिर्फ प्रमाणित प्लेटफार्मों पर ही निवेश करें।
  • संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दें।

नोएडा, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस मामले में पुलिस ने 80 लाख 60 हजार रुपए की धोखाधड़ी में शामिल खाताधारक आशीष पाल को देहरादून से पकड़ा है। आरोपी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को कम समय में अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगी करता था।

पुलिस के अनुसार, बुधवार को मिली सूचना पर थाना साइबर क्राइम की टीम ने अभियुक्त को दबोचा। पीड़ित ने 1 सितंबर 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया था कि साइबर अपराधियों ने उसे शेयर मार्केट में निवेश कर भारी मुनाफा कमाने का झांसा देकर एक फर्जी प्लेटफॉर्म पर निवेश कराया और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 80 लाख 60 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिससे आगे की रकम की हेराफेरी रोकी जा सके।

जांच में यह सामने आया कि आरोपी आशीष पाल मुख्य सरगना नहीं था, बल्कि खाताधारक के रूप में साइबर गिरोह की मदद कर रहा था। आरोपी ने बताया कि उसकी फेसबुक के जरिए एक अज्ञात व्यक्ति से संपर्क हुआ था, जिसने उसे कमीशन के बदले अपने नाम से करंट अकाउंट खुलवाने के लिए कहा। पैसों के लालच में आकर आरोपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की कुमारगंज शाखा में ‘पाल एंटरप्राइजेज’ के नाम से खाता खुलवाया। खाते के लिए उसे 50 हजार रुपए दिए गए। इसके बाद आरोपी को लखनऊ बुलाकर एक होटल में कई दिनों तक रखा गया और उसके खाते के माध्यम से ठगी की रकम का लेन-देन किया गया।

पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी के खाते में इस मामले से संबंधित 7 लाख 30 हजार रुपए सहित अन्य शिकायतों से जुड़े करीब 99 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है। इतना ही नहीं, आरोपी के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान समेत सात राज्यों में कुल 16 शिकायतें दर्ज हैं।

गिरफ्तार अभियुक्त आशीष पाल अयोध्या जिले के खंडासा थाना क्षेत्र का निवासी है। उसकी निशानदेही पर एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।

नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि की शिकायत तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट पर दर्ज कराएं। साथ ही, आधार, पैन कार्ड या बैंक खाते की जानकारी किसी अंजान व्यक्ति को न दें और शेयर मार्केट में निवेश केवल प्रमाणित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही करें।

Point of View

जो न केवल एक व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए भी खतरा है। पुलिस की तत्परता और कार्रवाई की सराहना की जानी चाहिए। हमें इस प्रकार की ठगी से सावधान रहना चाहिए और सभी को सजग रहना चाहिए।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म क्या है?
फर्जी शेयर मार्केट प्लेटफॉर्म ऐसे वेबसाइट या ऐप होते हैं जो निवेशकों को झूठे वादों के जरिए ठगते हैं।
साइबर ठगी से कैसे बचें?
सामाजिक मीडिया पर आने वाले अनजान प्रस्तावों से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें।
क्या साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती है?
जी हां, पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है और कई बार आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जाता है।
क्या मुझे अपने बैंक खाते की जानकारी किसी को देनी चाहिए?
नहीं, आपको अपने बैंक खाते की जानकारी किसी भी अंजान व्यक्ति को नहीं देनी चाहिए।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर क्या है?
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 है, जहाँ आप रिपोर्ट कर सकते हैं।
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