क्या यमुना का बढ़ता जलस्तर नोएडा में बाढ़ का खतरा बना रहा है?

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क्या यमुना का बढ़ता जलस्तर नोएडा में बाढ़ का खतरा बना रहा है?

सारांश

नोएडा में यमुना और हिंडन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का संकट गहरा रहा है। प्रभावित परिवार अस्थायी झुग्गियों में जीवन यापन कर रहे हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • यमुना और हिंडन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
  • लगभग 100 परिवार झुग्गियों में रह रहे हैं।
  • प्रशासन राहत कार्य की तैयारी कर रहा है।
  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
  • बाढ़ का पानी गौशालाओं और बस्तियों को प्रभावित कर सकता है।

नोएडा, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यमुना और हिंडन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण नोएडा के डूब क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा गहरा रहा है। पिछले दो दिनों से पानी के भराव के चलते नोएडा पुश्ता और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग झुग्गियां बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं।

सेक्टर-168 में लगभग 100 से अधिक परिवार अस्थायी झोपड़ियों में निवास कर रहे हैं। अचानक रात में पानी घुसने से लोग अपने सामान को नहीं निकाल पाए और किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकले। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक न तो राहत सामग्री पहुंची है और न ही किसी प्रकार की मदद मिली है। मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर और झट्टा गांव के लोग असुरक्षा और बदहाली के बीच जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी उनके झुग्गियों में भर गया, जिससे खाने-पीने का सामान और अन्य आवश्यक वस्तुएं बह गईं। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए हैं कि नदियों के जलस्तर की नियमित निगरानी की जाए और समय-समय पर रिपोर्ट दी जाए। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, डूब क्षेत्र में मौजूद गौशालाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की निर्देशित की गई है ताकि आपात स्थिति में गोवंश को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके।

अगस्त 2023 की बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया था। उस समय हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने हजारों लोगों और पशुओं को संकट में डाल दिया था। लगभग 1200 लोगों को रेस्क्यू किया गया था और सामुदायिक किचन व अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था करनी पड़ी थी। कई गोवंश बह गए थे, जिनकी संख्या का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया था।

इस बार प्रशासन का दावा है कि 2023 जैसी भयावह स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। इसके लिए विभागों को समन्वय बनाने और सभी तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पुश्ता रोड और यमुना के लगभग 5 हजार हेक्टेयर डूब क्षेत्र का निरीक्षण करने पर यह पता चला है कि जहां नर्सरी या बागान होने चाहिए थे, वहां आलीशान क्रिकेट ग्राउंड बना दिए गए हैं। इन मैदानों में फ्लड लाइट तक लगाई गई हैं और बुकिंग के लिए बोर्ड पर नंबर भी दिए गए हैं।

प्रशासन ने चिंता जताई है क्योंकि ऐसे निर्माण बाढ़ की स्थिति में नुकसान को और बढ़ा सकते हैं। बढ़ते जलस्तर से नोएडा के कई सेक्टर और गांव प्रभावित हो सकते हैं। इनमें यमुना किनारे बसे सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135 और 168 शामिल हैं। वहीं हिंडन नदी का पानी छिजारसी, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी, सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148 और 150 के आसपास की बस्तियों को प्रभावित कर सकता है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम बाढ़ की स्थिति के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और प्रभावित लोगों की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए। हमें इस संकट में एकजुटता दिखानी चाहिए और सभी आवश्यक उपायों को लागू करना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

यमुना का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?
यमुना का जलस्तर बारिश और अन्य जल स्रोतों के कारण बढ़ रहा है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कब शुरू होंगे?
प्रशासन ने राहत कार्य जल्दी शुरू करने का आश्वासन दिया है।
क्या प्रशासन ने बाढ़ के लिए कोई तैयारी की है?
हाँ, प्रशासन ने सभी विभागों को समन्वय बनाने और तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।