क्या नोएडा में साल का सबसे लंबा और आखिरी चंद्रग्रहण देखने का अवसर मिला?

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क्या नोएडा में साल का सबसे लंबा और आखिरी चंद्रग्रहण देखने का अवसर मिला?

सारांश

नोएडा में रविवार रात को हुए अद्भुत चंद्रग्रहण ने लाखों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह खगोलीय घटना 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण था, जो भारत और अन्य देशों में देखा गया। वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा हुजूम और पटना के आसमान में चंद्रमा ने इस घटना को यादगार बना दिया।

Key Takeaways

  • नोएडा में चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा देखा गया।
  • चंद्रमा का लाल-नारंगी रंग लोगों के लिए आकर्षक रहा।
  • वाराणसी में श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा।
  • सोशल मीडिया पर चंद्रग्रहण की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं।
  • यह 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण था।

नोएडा, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आसमान में रविवार की रात एक शानदार खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब साल का सबसे लंबा और आखिरी चंद्रग्रहण दिखाई दिया। नोएडा में बादलों के बीच से चंद्रमा की पहली झलक ने लोगों का ध्यान खींचा। यह चंद्रग्रहण रात 9:57 बजे से शुरू होकर 1:27 बजे तक जारी रहा, जिसे भारत के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य स्थानों पर देखा गया। खगोल प्रेमियों और श्रद्धालुओं की नजर इस अद्भुत दृश्य पर टिकी रही।

भारतीय मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण तब होता है जब राहु सूर्य और चंद्रमा के बीच में आता है। इस खगोलीय घटना को लेकर लोगों में उत्साह और आध्यात्मिक श्रद्धा का माहौल बना रहा। नोएडा में चंद्रमा का लाल-नारंगी रंग लिए हुआ दृश्य लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना। कई लोग अपने घरों की छतों, बालकनियों और खुले स्थानों पर इस खगोलीय घटना का आनंद लेने के लिए एकत्र हुए।

वहीं, धार्मिक नगरी वाराणसी में चंद्रग्रहण के दौरान दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। ग्रहण काल के बाद स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व है। हजारों श्रद्धालु गंगा के पवित्र तट पर स्नान और पूजा-अर्चना करने आए हैं। श्रद्धालुओं ने ग्रहण शुरू होने से पहले ही घाटों पर डेरा डाल लिया था।

रविवार की रात पटना में भी आसमान में खगोलीय नजारे का मनमोहक दृश्य देखने को मिला, जब साल का सबसे लंबा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई दिया, जिसने पटना के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बादलों के बीच से चंद्रमा एक आकर्षण का केंद्र बना रहा।

नोएडा और वाराणसी के अलावा, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में भी लोग इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए उत्साहित थे। खगोल शास्त्रियों का मानना है कि यह ग्रहण 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण था, जिसने लोगों को प्रकृति के इस चमत्कार को देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। इस दौरान कई लोग अपने कैमरों के माध्यम से इस घटना को कैद करने में व्यस्त रहे। इसी के साथ, सोशल मीडिया पर भी चंद्रग्रहण की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।

Point of View

बल्कि धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक आस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। चंद्रग्रहण के दौरान जो दृश्य उत्पन्न होते हैं, वे लोगों को प्रकृति की अद्भुतता का अनुभव कराते हैं। इस प्रकार की घटनाएं हमें एकजुट करती हैं और हमारी सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत बनाती हैं।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

चंद्रग्रहण क्या होता है?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, जिससे चंद्रमा पर छाया पड़ती है।
चंद्रग्रहण का धार्मिक महत्व क्या है?
भारतीय मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व है।
चंद्रग्रहण कब होता है?
चंद्रग्रहण सामान्यतः हर वर्ष 2 से 3 बार होता है, लेकिन इसका समय और अवधि भिन्न हो सकती है।
क्या चंद्रग्रहण को देखना सुरक्षित है?
हां, चंद्रग्रहण को देखना सुरक्षित है, लेकिन सूर्यग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए?
ग्रहण के दौरान ध्यान, पूजा और दान करने की परंपरा है, जो धार्मिक आस्था के अनुसार महत्वपूर्ण मानी जाती है।