क्या नोएडा में साइबर ठगों के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ?

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क्या नोएडा में साइबर ठगों के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ?

सारांश

नोएडा में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह ने लोगों को ठगने के लिए फर्जी ऐप्स का सहारा लिया। गिरफ्तार आरोपियों से बरामद हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इस गिरोह की गतिविधियों को उजागर करते हैं।

Key Takeaways

  • साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
  • गिरोह ने फर्जी ऐप्स का उपयोग कर ठगी की।
  • पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
  • पुलिस ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए।
  • जांच जारी है और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

नोएडा, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा थाना सूरजपुर पुलिस ने ऑपरेशन ‘तलाश’ के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए साइबर अपराधियों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बैंक खाता, डेबिट कार्ड और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड प्रदान करता था। इस गिरोह से जुड़े पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने इनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तारी थाना सूरजपुर क्षेत्र के घंटा गोलचक्कर के निकट की गई। गिरफ्तार आरोपियों में चनप्रीत सिंह (भोपाल, मप्र), रणवीर सिंह (भोपाल, मप्र), जगमोहन धाकड़ (विदिशा, मप्र), नवीन (विदिशा, मप्र) और आदित्य शर्मा (दिल्ली) शामिल हैं। इनके पास से 5 मोबाइल फोन, 8 सिम कार्ड, 7 डेबिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और एक चेकबुक बरामद की गई है।

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह फर्जी गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप्स के माध्यम से भारतीय नागरिकों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर डराकर ठगी करता था। यह गिरोह उन व्यक्तियों को लक्षित करता था जो अपने बैंक खातों को कम कमीशन पर किराए पर देने के इच्छुक थे। आरोपियों ने बताया कि वे खाताधारकों को 1 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उनकी खाते और संबंधित सिम की जानकारी प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद यह जानकारी रिमोट एक्सेस ऐप्स के जरिए मुख्य साइबर अपराधियों को भेज दी जाती थी।

गिरोह प्रति खाता 15,000 रुपये तक की कमाई करता था। इस जानकारी का उपयोग करके ठगी की रकम पहले इन खातों में ट्रांसफर की जाती और फिर इसे अन्य खातों या क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से आगे भेज दिया जाता। गिरफ्तार अभियुक्तों की उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच है और इनमें से अधिकांश पढ़े-लिखे हैं। इनमें बीकॉम और बीबीए के छात्र शामिल हैं, जबकि कुछ ने हाल ही में 10वीं और 11वीं पास की है। पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66-डी में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच जारी है और पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। डीसीपी सेंट्रल नोएडा द्वारा इस सराहनीय कार्य के लिए गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 25,000 का नकद पुरस्कार भी दिया गया है।

Point of View

यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना कितना महत्वपूर्ण है। साइबर अपराधियों का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है और हमें सतर्क रहना होगा। इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत वित्तीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में विश्वास को भी कमजोर करती हैं।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

साइबर ठग गिरोह कैसे काम करता है?
यह गिरोह फर्जी गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लोगों को ठगता था।
गिरफ्तार आरोपियों की उम्र क्या है?
गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच है।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66-डी में मामला दर्ज किया है।
गिरोह की कमाई का तरीका क्या था?
गिरोह प्रति खाता 15,000 रुपये तक की कमाई करता था।
पुलिस टीम को पुरस्कार क्यों मिला?
डीसीपी सेंट्रल नोएडा द्वारा पुलिस टीम को 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है।