क्या नोएडा में पांच साल से फरार 50 हजार का इनामी अपराधी शशांक बजाज पकड़ा गया?

सारांश
Key Takeaways
- शशांक बजाज को 5 साल बाद गिरफ्तार किया गया।
- वह हत्या के मामले में वांछित था।
- उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
- एसटीएफ की सक्रियता से गिरफ्तारी संभव हुई।
- आरोपी को स्थानीय पुलिस को सौंपा गया है।
नोएडा, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने हत्या के मामले में वांछित और पांच वर्षों से फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी शशांक बजाज को पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। आरोपी शशांक बजाज को 2015 से हत्या के मामले में पकड़ा गया था, लेकिन 2020 में पीलीभीत पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था।
एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, अभियुक्त शशांक बजाज, पुत्र देश दीपक बजाज, निवासी ग्राम जोगीपुर, थाना कोतवाली, जनपद पीलीभीत है। आरोपी के खिलाफ बदायूं, पीलीभीत और देहरादून में कई गंभीर मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी के समय उसके पास से आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुआ। उसे 1 सितंबर 2025 को दोपहर करीब 12:20 बजे, थाना साहनेवाल क्षेत्र, लुधियाना, पंजाब के साहनेवाल-डेवाल रोड से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ नोएडा की टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बदायूं में हत्या के मामले और पीलीभीत से फरारी के बाद शशांक बजाज लुधियाना क्षेत्र में छिपा हुआ है। सूचना की पुष्टि के बाद एसटीएफ टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर दबिश दी और इनामी बदमाश को पकड़ लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 2015 में पारिवारिक विवाद और रुपये के लेन-देन को लेकर उसने अपने परिजनों के साथ मिलकर बदायूं निवासी सुभाष चन्द्र शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शशांक और उसके पिता देहरादून भाग गए थे, जहां उन्हें पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
बाद में उसे बदायूं और फिर पीलीभीत जेल स्थानांतरित किया गया। कोरोना काल में इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था और तभी से उसकी तलाश चल रही थी। आरोपी शशांक के खिलाफ पहले से ही हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, महामारी अधिनियम समेत कई संगीन धाराओं में छह आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी पर बरेली परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।
फिलहाल शशांक बजाज को थाना कोतवाली, पीलीभीत में दाखिल कर स्थानीय पुलिस को अग्रिम कानूनी कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है।