क्या नोएडा एसटीएफ ने झूठी शिकायतों के जरिए वसूली करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया?

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क्या नोएडा एसटीएफ ने झूठी शिकायतों के जरिए वसूली करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा में एक गैंग का पर्दाफाश किया है जो उद्यमियों से झूठी शिकायतों के माध्यम से रंगदारी वसूलता था। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अंकुर गुप्ता, हरनाम धवन और नरेंद्र धवन शामिल हैं।

Key Takeaways

  • उद्यमियों से रंगदारी वसूलने वाला गैंग गिरफ्तार किया गया।
  • गैंग झूठी शिकायतों के माध्यम से पीड़ितों पर दबाव बनाता था।
  • गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंकुर गुप्ता, हरनाम धवन, और नरेंद्र धवन शामिल हैं।

नोएडा, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा और गाजियाबाद समेत एनसीआर क्षेत्र में उद्यमियों और बिल्डरों से झूठी शिकायतों के माध्यम से रंगदारी वसूलने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में दिल्ली निवासी अंकुर गुप्ता, हरनाम धवन और नरेंद्र धवन शामिल हैं।

एसटीएफ की जांच में यह पता चला है कि यह गैंग उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, जीएसटी, रेरा, जीडीए और अन्य सरकारी विभागों में झूठी शिकायतें दर्ज करता था।

इन शिकायतों के आधार पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरें प्रकाशित करके पीड़ितों पर दबाव बनाया जाता था। बदनामी के डर से उद्यमी समझौता करने के लिए मजबूर हो जाते थे।

एक मामले में आरोपियों ने एक प्रसिद्ध बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की मांग की। जब बिल्डर ने रकम देने में असमर्थता जताई तो आरोपियों ने फिरौती घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दी। कुछ रकम वसूल भी कर ली गई थी।

एसटीएफ ने 29 सितंबर को तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए नोएडा स्थित फील्ड यूनिट कार्यालय में लाया और साक्ष्य मिलने पर 30 सितंबर की रात करीब 12:30 बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इनके पास से 4 मोबाइल फोन, 62,720 रुपये नकद, 1 अमेरिकी डॉलर, फर्जी आधार कार्ड और 17 डाक रसीदें बरामद की गईं।

मुख्य आरोपी अंकुर गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि पहले वह कपड़ों का व्यापारी था। बैंक लोन नहीं चुकाने के बाद वह साजिश करने लगा। बाद में उसने अपने सिंडीकेट में कुछ फ्रीलांस पत्रकारों को भी शामिल किया।

आरोपी नरेंद्र धवन और उसका पुत्र हरनाम धवन ‘दिल्ली अपटूडेट’ नाम से यूट्यूब चैनल और स्थानीय अखबार चलाते थे। इनके माध्यम से झूठी खबरें छपवाकर उद्यमियों पर दबाव बनाया जाता था।

जांच में सामने आया कि करोलबाग स्थित यूनिटी ग्रुप का ‘दी अमेरिलिस’, गाजियाबाद के शिप्रा और साया ग्रुप, इंदिरापुरम के हार्मनी बिल्डर तथा ग्रेटर नोएडा के छपरोला स्थित ‘केशवकुंज प्रोजेक्ट’ इनके निशाने पर थे।

एसटीएफ अब उन सभी उद्यमियों की सूची तैयार कर रही है, जो इस गैंग की ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए हैं। स्थानीय पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।

Point of View

जिसमें व्यवसायों का शोषण किया जा रहा है। एसटीएफ की कार्रवाई न केवल उद्यमियों के लिए सुरक्षा का संकेत है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि हमारी कानूनी प्रणाली ऐसे अपराधों को रोकने में सक्षम है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

यह गैंग किस प्रकार की रंगदारी करता था?
यह गैंग उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराकर रंगदारी वसूलता था।
गिरफ्तार आरोपियों में कौन-कौन शामिल हैं?
गिरफ्तार आरोपियों में अंकुर गुप्ता, हरनाम धवन और नरेंद्र धवन शामिल हैं।
एसटीएफ ने कब और कैसे कार्रवाई की?
एसटीएफ ने 29 सितंबर को आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया और 30 सितंबर को गिरफ्तार किया।