क्या नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन विस्तार को केंद्र की मंजूरी मिल गई है?

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क्या नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन विस्तार को केंद्र की मंजूरी मिल गई है?

सारांश

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि भारत सरकार ने एक्वा लाइन मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार को मंजूरी दी है। इस परियोजना से न केवल मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि यह बहु-माध्यमीय परिवहन व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा। जानिए विस्तार की सभी महत्वपूर्ण जानकारी!

Key Takeaways

  • नोएडा मेट्रो का विस्तार महत्वपूर्ण है।
  • इसकी कुल लंबाई २.६० किलोमीटर होगी।
  • बोड़ाकी एमएमटीएच का विकास किया जाएगा।
  • कुल लागत ४१६.३४ करोड़ रुपए है।
  • यह परियोजना ३ वर्षों में पूरी होगी।

नोएडा, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। भारत सरकार ने एक्वा लाइन मेट्रो कॉरिडोर को डिपो स्टेशन से बोड़ाकी स्थित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) तक विस्तार देने की परियोजना को आधिकारिक मंजूरी प्रदान की है।

इससे पहले इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट द्वारा स्वीकृति दी गई थी। इस नए प्रोजेक्ट के अनुसार, यह मेट्रो विस्तार कुल २.६० किलोमीटर लंबा होगा और इसमें तीन स्टेशनों को जोड़ा जाएगा, जिनमें डिपो स्टेशन (मौजूदा), जुनपत गांव मेट्रो स्टेशन (नया) और बोड़ाकी मेट्रो स्टेशन (नया) शामिल रहेंगे।

बोड़ाकी एमएमटीएच को एक प्रमुख ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें एक अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), रेलवे पैसेंजर टर्मिनल और एक स्थानीय बस अड्डा शामिल होगा। यह मेट्रो लिंक बहु-माध्यमीय परिवहन व्यवस्था को जोड़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

इस परियोजना की कुल लंबाई २.६ किलोमीटर होगी और इसकी कुल लागत ४१६.३४ करोड़ रुपए आएगी, जिसमें ट्रैक गेज (स्टैंडर्ड गेज - १४३५ मिलीमीटर) और ट्रैक्शन सिस्टम शामिल है, जिसमें २५ केवी एसी ओवरहेड विद एससीएडीए होगा। इस परियोजना से संबंधित टोपोग्राफिकल सर्वे पूरा हो चुका है और जियोटेक्निकल जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। सभी आवश्यक स्वीकृतियों के बाद, इस परियोजना को ३ वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस परियोजना के फंडिंग मॉडल के अनुसार, एनएमआरसी इसे स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) संरचना के अंतर्गत लागू करेगा। इसमें भारत सरकार की २० प्रतिशत भागीदारी होगी, जो करीब ७०.५९ करोड़ होगी। उत्तर प्रदेश सरकार (इक्विटी+टैक्स) का योगदान २४ प्रतिशत, लगभग ९१.०८ करोड़ होगा। घरेलू ऋण/एनसीआरपीबी का हिस्सा ६० प्रतिशत होगा, जो कि २११.८० करोड़ आएगा।

इसके अतिरिक्त, पीपीपी घटक एवं भूमि (नोएडा/ग्रेनो) में लागत १०.४४ करोड़ आएगी। कुल लागत ४१६.३४ करोड़ होगी। इसके अलावा, सेक्टर-५१ (नोएडा) से नॉलेज पार्क-V (ग्रेटर नोएडा) तक के संशोधित डीपीआर को यूपी सरकार द्वारा २९ नवंबर २०२४ को स्वीकृति मिली थी। इसके बाद इसे केंद्र को भेजा गया। यह परियोजना नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की ९४वीं बैठक में प्रस्तुत की गई और सैद्धांतिक रूप से अनुशंसित की गई है।

अब पीआईबी बैठक के माध्यम से अंतिम स्वीकृति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही सेक्टर-१४२ (नोएडा) से बॉटनिकल गार्डन (नोएडा) तक की परियोजना की डीपीआर को यूपी सरकार ने २८ जून २०२४ को मंजूरी दी थी। इसके बाद २ जुलाई २०२४ को इसे केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा गया। यह डीपीआर नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की ९०वीं बैठक में प्रस्तुत की गई थी और इसे भी सैद्धांतिक रूप से अनुशंसा मिली है। अब पीआईबी बैठक की प्रतीक्षा है, जिसके बाद इन दोनों को मंजूरी मिलते ही काम शुरू होगा।

Point of View

यह परियोजना नोएडा के विकास के लिए एक बड़ा कदम है। मेट्रो नेटवर्क का विस्तार न केवल यातायात की भीड़ को कम करेगा, बल्कि यह लोगों के लिए सुविधाजनक यात्रा का भी साधन बनेगा। यह निर्णय एक ऐसे समय में आया है जब देश में सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकता बढ़ रही है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा मेट्रो का विस्तार कब पूरा होगा?
यह परियोजना तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है।
इस परियोजना की कुल लागत क्या होगी?
इसकी कुल लागत लगभग ४१६.३४ करोड़ रुपए है।
केंद्र सरकार की इसमें भागीदारी कितनी है?
भारत सरकार की भागीदारी २० प्रतिशत है, जो लगभग ७०.५९ करोड़ होगी।
बोड़ाकी एमएमटीएच क्या है?
बोड़ाकी एमएमटीएच एक प्रमुख ट्रांजिट हब है, जिसमें अंतरराज्यीय बस टर्मिनल और रेलवे पैसेंजर टर्मिनल शामिल होंगे।
इस परियोजना के फायदे क्या हैं?
यह परियोजना मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करेगी और बहु-माध्यमीय परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी।