क्या एनपीसी की स्थायी समिति के उपाध्यक्ष ने 11वीं जी20 अध्यक्षों की बैठक में भाग लिया?

सारांश
Key Takeaways
- जी20 मीटिंग में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत।
- आधिपत्यवाद और संरक्षणवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता।
- विभिन्न देशों के विधायी निकायों के बीच सहयोग बढ़ाना।
- चीन की राष्ट्रीय जन कांग्रेस का वैश्विक शासन में सक्रिय भागीदारी का संकल्प।
- वैश्विक विकास को अधिक न्यायसंगत बनाना।
बीजिंग, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 1 से 2 अक्टूबर तक, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) की स्थायी समिति के उपाध्यक्ष चेंग ज्यानपैंग ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में आयोजित 11वीं जी-20 स्पीकर्स मीटिंग में भाग लिया और एक मुख्य भाषण दिया।
चेंग ज्यानपैंग ने बताया कि इस समय आधिपत्यवाद, एकतरफावाद और संरक्षणवाद का बोलबाला है, जिसके कारण वैश्विक विकास एजेंडा बाधित हो रहा है। जी-20 को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, एकता और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, सामान्य चुनौतियों का सामना करना चाहिए और विश्व आर्थिक विकास और ऐतिहासिक प्रगति को आगे बढ़ाने वाली एक ताकत बने रहना चाहिए।
चीन ने सभी पक्षों से एकता और सहयोग, समान परामर्श और विकास प्राथमिकता के सिद्धांतों को बनाए रखने, वैश्विक शासन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने, संयुक्त रूप से बहुपक्षवाद का अभ्यास करने और अधिक समावेशी, अधिक न्यायसंगत और अधिक लचीले वैश्विक विकास को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया है।
चीन की राष्ट्रीय जन कांग्रेस विभिन्न देशों की विधायी संस्थाओं के साथ आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाने तथा मानवता के साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण के लिए मिलकर काम करने को तैयार है।
बैठक के दौरान, चेंग ज्यानपैंग ने क्रमशः दक्षिण अफ्रीका, रूस, सिंगापुर, मोजाम्बिक और जर्मनी की संसदों के नेताओं से मुलाकात की और विधायी निकायों के बीच सहयोग को गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)