क्या ओडिया भाषा को एआई तकनीक से मिलेगा नया जीवन? धर्मेंद्र प्रधान

सारांश
Key Takeaways
- एआई तकनीक का सही उपयोग ओडिया साहित्य के प्रचार में सहायक होगा।
- बिद्युत प्रभा देवी की शताब्दी समारोह में साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास।
- ओडिया साहित्य को वैश्विक पहचान दिलाने की आवश्यकता।
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
- नारी सशक्तीकरण और सामाजिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करना।
भुवनेश्वर, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को एआई तकनीक के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका सही उपयोग ओडिया साहित्य और भाषा के प्रसार में सहायक होगा। यह बयान उन्होंने रमादेवी महिला विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित ओडिया साहित्य की प्रख्यात हस्ती बिद्युत प्रभा देवी के शताब्दी समारोह के अवसर पर दिया।
प्रधान ने बिद्युत प्रभा देवी के साहित्यिक योगदान और ओडिया संस्कृति में उनके प्रभाव को याद करते हुए कहा, "ओडिशा की महान साहित्यिक शख्सियत बिद्युत प्रभा देवी की शताब्दी के अवसर पर मैं ओडिशा सरकार और रमादेवी विश्वविद्यालय को इस सांस्कृतिक आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। यह पहल युवा पीढ़ी, खासकर महिलाओं में साहित्य के प्रति रुचि जागृत करेगी।"
उन्होंने बिद्युत प्रभा देवी के कार्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और उनके साहित्यिक योगदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित नई तकनीकों का उपयोग करके ओडिया साहित्य को न केवल ओडिया भाषा में, बल्कि अंग्रेजी में भी लोकप्रिय करना चाहिए। इससे ओडिशा की साहित्यिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।"
उन्होंने सुझाव दिया कि बिद्युत प्रभा देवी की साहित्यिक विरासत को सम्मान देने के लिए वर्ष भर सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि छात्रों और विद्वानों को उनके कार्यों और ओडिया भाषा, साहित्य व सांस्कृतिक पहचान में उनके योगदान का अध्ययन करने का अवसर मिले।
बिद्युत प्रभा देवी ओडिया साहित्य में अपनी कविताओं, निबंधों और सामाजिक लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी रचनाएं नारी सशक्तीकरण, सामाजिक सुधार और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाती हैं। कार्यक्रम में ओडिशा के संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज और एकमरा विधायक बाबू सिंह भी शामिल हुए।
सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि बिद्युत प्रभा देवी की रचनाएं ओडिशा की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से ओडिया साहित्य को बढ़ावा देने के लिए और प्रयास करने का आश्वासन दिया। समारोह में साहित्यकारों, शिक्षाविदों और छात्रों ने हिस्सा लिया।