क्या 23 ओडिशा पर्यटक हिंसाग्रस्त नेपाल से सुरक्षित लौट पाए?

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल में तीर्थयात्रियों का फंसना एक गंभीर स्थिति है।
- सुरक्षित वापसी के लिए स्थानीय प्रशासन और ट्रैवल एजेंसियों का सहयोग आवश्यक है।
- पर्यटकों की सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।
जाजपुर, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए निकले ओडिशा के 10 परिवारों के 23 तीर्थयात्रियों का एक समूह रविवार को हावड़ा-भुवनेश्वर जन शताब्दी एक्सप्रेस से जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित लौट आया। नेपाल में उत्पन्न अशांति के चलते काठमांडू में दो दिन फंसे रहने के बाद इन यात्रियों ने जब अपनी धरती पर कदम रखा तो उन्हें गहरी राहत का अनुभव हुआ।
जाजपुर सदर प्रखंड के मालनंदपुर क्षेत्र के निवासी ये पर्यटक नेपाल में बढ़ती हिंसा के बीच फंस गए थे। नेपाल के विभिन्न भागों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते तनाव और अराजकता पैदा हो गई थी, जिससे विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी।
ओडिशा के तीर्थयात्रियों ने नेपाल के धार्मिक स्थलों की यात्रा की योजना बनाई थी, जिसमें पशुपतिनाथ मंदिर और अन्य पर्यटन स्थल शामिल थे। हालांकि, बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण उनकी ट्रैवल एजेंसी की गाड़ी का ड्राइवर भाग गया, जिससे वे दो दिनों तक काठमांडू के एक होटल में फंसे रहे।
अनेक प्रयासों के बावजूद समूह को स्थानीय अधिकारियों या भारत सरकार से तत्काल सहायता नहीं मिल पाई। अंततः उन्होंने ट्रैवल एजेंसी से पुनः संपर्क किया, जिसने ड्राइवर का पता लगाने और उनकी वापसी यात्रा की योजना बनाने में सहायता की।
अंततः तीर्थयात्री सड़क मार्ग से निकाले गए। उन्होंने जंगली और पहाड़ी रास्तों से होते हुए भारतीय सीमा तक पहुंचकर घर की यात्रा जारी रखी। ओडिशा पहुंचने पर वे जन शताब्दी एक्सप्रेस में सवार हुए और जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां उनके चेहरे पर राहत थी।
पर्यटकों ने मीडिया से बात करते हुए अपनी सुरक्षित वापसी के लिए आभार व्यक्त किया और मीडिया संस्थानों को उनकी स्थिति को उजागर करने के लिए धन्यवाद दिया।
पर्यटक अजय कुमार पांडा ने कहा, "हमें लगा जैसे हमें दूसरी जिंदगी मिल गई हो। हम डरे हुए और असहाय थे। घर पहुंचने पर ही हमें असली सुरक्षा का एहसास हुआ।"
एक अन्य पर्यटक प्रमोद मिश्रा ने कहा, "हम उन सभी के बहुत आभारी हैं, जिन्होंने इस कठिन समय में हमारी मदद की। वापस आकर बहुत राहत मिली है।"