क्या ओडिशा कैबिनेट की बैठक में 7 अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली?

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा म्यूजियम क्यूरेटोरियल सर्विस रूल्स को मंजूरी
- सहकारिता विभाग की ३८ मॉडल मंडियों की योजना
- वित्त विभाग के नियमों में संशोधन
- एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग का कार्यान्वयन
- स्वास्थ्य विभाग का नर्सिंग एजुकेशन सर्विस नियमों का अनुमोदन
भुवनेश्वर, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा सरकार के कैबिनेट की बैठक में बुधवार को सात महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अनुमोदन मिल गया। यह जानकारी मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने एक प्रेस वार्ता में साझा की। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की। सभी प्रस्ताव राज्य के छह विभागों द्वारा प्रस्तुत किए गए थे।
ओड़िया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कैबिनेट ने ओडिशा म्यूजियम क्यूरेटोरियल सर्विस रूल्स को स्वीकृति दी है। इससे संग्रहालयों के प्रबंधन में सुधार होगा। कुल पदों की संख्या १७ से बढ़ाकर ३९ की जाएगी। इस सेवा का नेतृत्व अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी करेगा। यह नियम भुवनेश्वर के मुख्य संग्रहालय और १० शाखा संग्रहालयों पर लागू होगा।
सहकारिता विभाग की योजना के तहत पहले चरण में ३८ मॉडल मंडी बनाई जाएंगी। इनमें भंडारण, सुखाने के प्लेटफार्म, शौचालय और किसानों के विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं होंगी। इस दो साल की योजना की लागत ३०० करोड़ रुपए होगी, जिसमें से १५० करोड़ रुपए रेगुलेटेड मार्केट कमेटियों और १५० करोड़ रुपए राज्य बजट से आवंटित किए जाएंगे।
वित्त विभाग ने वाणिज्य कर विभाग के लिए ओडिशा मंत्रालयिक सेवा नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी दी गई। अब जिलों के अनुसार विभागीय ढांचे में बदलाव होगा, जिससे समय पर पदोन्नति और समान कार्य प्रणाली सुनिश्चित होगी।
आवास एवं शहरी विकास विभाग की योजना के तहत राज्य के ११० शहरी स्थानीय निकायों में एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग लगाई जाएगी। इसकी लागत ३५० करोड़ रुपए होगी, जो ओडिशा अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड से दी जाएगी।
कैबिनेट ने ३८२ करोड़ रुपए के ईपीसी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिससे ग्रेटर संबलपुर को हर समय नल के जरिए पीने का पानी मिल सकेगा। इसमें ११० एमएलडी क्षमता का इंटेक वेल, पंपिंग स्टेशन और जल शोधन प्लांट शामिल होंगे।
वाणिज्य एवं परिवहन विभाग के प्रस्ताव के तहत झारसुगुड़ा हवाई अड्डे पर एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) केंद्र के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसमें ३० प्रतिशत पूंजी सब्सिडी के साथ १० प्रतिशत और ७ साल तक हैंगर किराया सहायता भी शामिल है। यह पूर्वी भारत का पहला एमआरओ सेंटर होगा, जिससे रोजगार, हुनर विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने ओडिशा नर्सिंग एजुकेशन सर्विस नियमों को मंजूरी दिलाई है। इसमें ७ मौजूदा नर्सिंग कॉलेज, २१ एएनएम ट्रेनिंग सेंटर और ७ प्रस्तावित कॉलेज शामिल हैं। इससे शिक्षण स्टाफ को बेहतर सेवा शर्तें और समय पर पदोन्नति मिलेगी।
कैबिनेट ने केंद्र सरकार द्वारा दो सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की मंजूरी पर आभार जताया, जिसे राज्य में हाई-टेक उद्योगों के लिए बड़ा अवसर माना जा रहा है।