क्या ओडिशा के हीराकुंड बांध से 6 जुलाई को बाढ़ का पानी छोड़ा जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- हीराकुंड बांध से 6 जुलाई को पानी छोड़ा जाएगा।
- 13 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
- जल स्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
- स्थानीय निवासियों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
- बाढ़ प्रबंधन के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।
संबलपुर 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हीराकुंड बांध से इस वर्ष पहली बार अतिरिक्त जल 6 जुलाई, रविवार को छोड़ा जाएगा। बांध के अधिकारियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, औपचारिक पूजा के पश्चात बांध के बाईं ओर गेट नंबर 7 के माध्यम से पानी निकालने का कार्य किया जाएगा। यह निर्णय जलाशय में बढ़ते जल स्तर और मौसम विभाग द्वारा की गई भारी बारिश की भविष्यवाणी को देखते हुए लिया गया है।
हीराकुंड बांध के मुख्य अभियंता सुशील कुमार बेहरा ने बताया कि कितने गेट खोले जाएंगे, इसका अंतिम निर्णय 6 जुलाई को ही लिया जाएगा। यह निर्णय ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले जल प्रवाह की मात्रा पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि बांध के जलाशय में पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और वर्तमान में यह 603.02 फीट तक पहुंच गया है, जबकि बांध की अधिकतम भंडारण क्षमता 630 फीट है। जलाशय में पानी का प्रवाह 99,467 क्यूसेक प्रति सेकंड दर्ज किया गया है।
मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते जलाशय में पानी का स्तर और बढ़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बांध से पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है ताकि जलाशय की क्षमता को नियंत्रित किया जा सके और बाढ़ की स्थिति से बचा जा सके।
हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए ओडिशा के 13 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट जारी किया है। कलेक्टरों को निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां करने और स्थानीय जनता को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।
हर वर्ष मानसून के दौरान हीराकुंड बांध से पानी छोड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इस बार भारी बारिश की चेतावनी के कारण प्रशासन विशेष रूप से सतर्क है। बांध से पानी छोड़े जाने के बाद महानदी और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदी तटों से दूर रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैयार की गई हैं। हीराकुंड बांध ओडिशा के लिए जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस बार भी प्रशासन इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है।