क्या ओडिशा में नुआपाड़ा उपचुनाव के लिए मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया गया है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 56 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं।
- मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण 16 सितंबर 2023 से शुरू हुआ।
- पुनरीक्षण की प्रक्रिया में नाम, पते और फोटो को अपडेट किया जाएगा।
- मतदाता सूची में कुल 2,48,256 मतदाता हैं।
- इस उपचुनाव को पारदर्शी और समावेशी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
भुवनेश्वर, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के 71-नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) आरंभ कर दिया है। यह पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के निर्देशानुसार जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 के तहत किया जा रहा है, जिसमें 1 जुलाई 2025 को अर्हता तिथि निर्धारित की गई है। यह कदम उपचुनाव की पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो बीजेडी विधायक राजेंद्र धोलाकिया के निधन के कारण आवश्यक हुआ।
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, मतदान केंद्रों का पुनर्गठन 14 सितंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। एकीकृत मसौदा मतदाता सूची 15 सितंबर को प्रकाशित की गई, जिसमें दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि 15 से 29 सितंबर तक है। सभी दावों-आपत्तियों का निपटारा 7 अक्टूबर तक होगा, जबकि अंतिम सूची 9 अक्टूबर को जारी की जाएगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाताओं के नाम, पते, फोटो और आयु को अपडेट करना तथा मृत या स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाना है।
नुआपाड़ा क्षेत्र में मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले 302 केंद्रों के बजाय अब 358 केंद्र होंगे, जिसमें 56 नए केंद्र जोड़े गए हैं। इसके अलावा, 52 केंद्रों के नाम भी बदले गए हैं। पुनर्गठन के बाद, 36 शहरी और 322 ग्रामीण केंद्र शामिल हैं, जो मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह बदलाव ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच को बेहतर बनाएगा, जहां अधिकांश आबादी निवास करती है।
15 सितंबर को जारी मसौदा सूची के अनुसार, क्षेत्र में कुल 2,48,256 मतदाता हैं, जिनमें 1,22,103 पुरुष, 1,26,132 महिलाएं और 21 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं। इसमें 2,007 वरिष्ठ नागरिक, 18-19 वर्ष6,003 युवा मतदाता और 4,000 दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी) भी हैं। ईसीआई के प्रयासों से युवा और महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो 2024 के चुनावों में भी दिखी थी।
एसएसआर प्रक्रिया पर चर्चा के लिए 15 सितंबर को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। सीईओ आर.एस. गोपालन ने कहा, "यह पुनरीक्षण नुआपाड़ा उपचुनाव को पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए आवश्यक है। राजनीतिक दलों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।"
नुआपाड़ा उपचुनाव ओडिशा की प्रमुख पार्टियों, बीजेडी, बीजेपी और कांग्रेस, के लिए लिटमस टेस्ट होगा। यह सीट आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां विकास और स्थानीय मुद्दे प्रमुख हैं। पुनरीक्षण से मतदाता आधार मजबूत होगा, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            